Damoh: घुटनों तक भरे पानी से शव यात्रा निकालने मजबूर ग्रामीण, श्मशान घाट जाने वाले रास्ते में पड़ता है नाला

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दमोह दमोह जिले के जबेरा तहसील अंतर्गत आने वाले सिंग्रामपुर गांव में शुक्रवार को एक बुजुर्ग की मौत हो जाने पर ग्रामीणों को घुटनों तक भरे पानी से होकर शव यात्रा निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा। दरअसल, यहां श्मशान घाट जाने वाले रास्ते पर एक नाला है, जो बारिश शुरू होते ही सड़क को डुबो देता है। बारिश के मौसम में जब भी गांव में किसी व्यक्ति का निधन होता है तो उसके अंतिम संस्कार की शव यात्रा को गहरे पानी से होकर ले जाना पड़ता है। कई वर्ष से गांव के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं और परेशान हैं। लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी समस्या का समाधान एक पुल बनने से हो सकता है। सिग्रामपुर गांव निवासी 65 वर्षीय राजकुमार उर्फ राजू जैन का शुक्रवार को निधन हो गया। शव यात्रा निकालने की तैयारी हुई तो बारिश के कारण नाले का पानी सड़क पर आ गया, लेकिन शव यात्रा ले जाना मजबूरी थी। इसलिए ग्रामीण घुटनों तक भरे गहरे पानी से शव यात्रा लेकर श्मशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार किया।
गांव के युवा अखिलेश जैन ने बताया कि जब से उन्होंने होश संभाला है, यही स्थिति देखी है। हर साल बारिश के दिनों में यदि गांव में किसी के यहां निधन हो जाता है तो उसे इसी तरह गहरे पानी से नाला पार करके निकलना पड़ता है। श्मशान घाट में भी कोई टीन शेड तक नहीं है, जहां अंतिम संस्कार पूरी सुरक्षा के साथ हो सके। उनका कहना है कि सरकार यहां पर पुल बना दे और श्मशान घाट में कुछ व्यवस्थाएं कर दे तो अंतिम संस्कार की सभी क्रियाएं सही ढंग से हो जाएंगी।

एसडीएम अविनाश रावत का कहना है कि मैं जनपद सीईओ से इस बारे में बात करूंगा। ताकि श्मशान घाट तक जाने के लिए रास्ता बेहतर हो सके। स्टॉप डैम निर्माण के लिए जो भी जरूरी कार्रवाई होगी, उसे पूरा करने की कोशिश करूंगा।

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