कोलकाता में गणेश उत्सव पर नहीं दिखेगी सजावट, डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या मामले को लेकर पूजा समितियों का फैसला
कोलकाता।कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच, राजधानी की गणेश पूजा समितियों ने गणेशोत्सव को लाइट और सजावट से दूर रखने का फैसला किया है। समितियां इस साल अपने पंडालों में सादी बनाए रखेंगे। एक आयोजक ने बताया कि उनके पूजा पंडाल की थीम ‘दुष्कर्म के खिलाफ संघर्ष’ होगा। साल्ट लेक के बी ब्लॉक में होने वाली 15 साल पुरानी गणेश पूजा के लिए इस बार चंदरनगर से खरीदी गई लाइट्स को रद्द करने का फैसला किया है। चंदरनगर की लाइट्स अपने अनोखे डिजाइन के लिए मशहूर हैं। लेकिन इस बार इन्हें पूजा में नहीं लगाया जाएगा। पूजा समिति के अध्यक्ष अनिंद्य चटर्जी ने बताया कि पंडाल के रास्ते में कम से कम रोशनी रहेगी और पंडार के अंदर लाल रंग की रोशनी होगी। गणेश चतुर्थी इस साल सात सितंबर को है। उन्होंने बताया कि पीएनबी द्वीप के पास पंडाल को पूरी तरह से ‘दर्शन रुखे दिन'(दुष्कर्म के खिलाफ) के संदेश के कटआउट से ढका जाएगा। उनमें छोटे अक्षरों में यह भी लिखा होगा- अगर हम अभी इस खतरे को खत्म नहीं करेंगे, तो हमारा कोई प्रियजन अगला शिकार हो सकता है।
चटर्जी ने बताया कि पंडाल के अंदर और बाहर की दीवारों पर दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ संदेश बड़े और छोटे अक्षरों में लिखे जाएंगे। पूजा समिति ने सदस्य इस घटना के बाद अपनी नाराजगी जाहिर करना चाहती है और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पीड़िता के परिवार को बताना चाहते हैं कि वे उनके साथ हैं। बाग बाजार सर्बोजनिन गणेश पूजा समिति के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने पंडाल के दोनों और लगाए जाने वाले लाइट्स के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। उन्होंने कहा, हम 12 साल से इस पूजा का आयोजन कर रहे हैं और स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पूजा को रद्द नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पूजा समिति यह तय करेगी महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभियान कैसे जारी रखा जाए। कुछ लोगों ने महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में पूजा को रद्द करने की मांग की थी। उत्तर कोलकाता के कुमर्तुली में एक मूर्तिकार मिंटू पाल ने कहा कि अभी तक उनके स्टुडियो में बन रही 10-12 गणेश की मूर्तियों की बुकिंग रद्द नहीं हुई है।