संसद में गूंजा दिल्ली मामला, अखिलेश बोले- सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?

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नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज नौंवां दिन है। संसद में आज दिल्ली कोचिंग हादसे का मुद्दा उठा। संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज केंद्रीय बजट 2024 पर बोल सकते हैं।

दिल्ली कोचिंग हादसे के मुद्दा पर बोले अखिलेश

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, ‘यह एक दर्दनाक घटना है। योजना बनाना और एनओसी देना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। सवाल यह है कि कौन जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है? यह अवैध निर्माण का सिर्फ एक मामला नहीं है, हम यूपी में देख रहे हैं कि अवैध इमारतों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, क्या यह सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?’

 

दिल्ली हादसे की जांच गृह मंत्रालय की समिति से कराने की मांग

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने दिल्ली की घटना पर कहा कि ‘जिन छात्रों की मौत हुई, वह दिल्ली में रहकर आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, लेकिन दुख के साथ मुझे कहना पड़ेगा कि दिल्ली सरकार ने लापरवाही बरती, जिसकी वजह से छात्रों को जान गंवानी पड़ी। तीन छात्रों की मौत दिल्ली सरकार की संवेदनहीनता दर्शाती है, जो दिल्ली में बीते एक दशक से सत्ता में है, लेकिन दिल्ली के लोगों के लिए कोई काम नहीं किया गया। बीते दो वर्षों से एमसीडी पर भी आम आदमी पार्टी का कब्जा है, दिल्ली जल बोर्ड भी उनके नियंत्रण में है। ओल्ड राजेंद्र नगर के निवासी स्थानीय विधायक, पार्षद और अधिकारियों से शिकायत कर रहे थे, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। मैं मांग करती हूं कि गृह मंत्रालय एक समिति बनाकर इस मामले की जांच करे।’

 

शशि थरूर बोले- दिल्ली कोचिंग हादसे में नियमों की गंभीर अनदेखी हुई

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में दिल्ली कोचिंग हादसे पर बोलते हुए कहा कि ‘यह हैरान करने वाली स्थिति है, जब संघ लोक सेवा आयोग के जरिए देश की सेवा करने का सपना देखने वाले छात्रों और उनके परिजनों का सपना बर्बाद हो गया। इसमें मुआवजा दिया जाना चाहिए, लेकिन कोई भी मुआवजा इस हादसे की भरपाई नहीं कर सकता। कई ऐसे गंभीर मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नियमों का गंभीर रूप से उल्लंघन हुआ। फायर सेफ्टी, बाढ़ सुरक्षा जैसे नियमों की अनदेखी की गई। ऐसे मामलों में निगम की भी जिम्मेदारी बनती है क्योंकि सभी जरूरी क्लीयरेंस सर्टिफिकेट बिना जांच के दिए गए।’

 

‘सदन में बैठे-बैठे बोलने वाले सदस्यों की बात का संज्ञान नहीं लें मंत्री’

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सदन में कहा कि मंत्रियों को उन सदस्यों की बात का संज्ञान बिल्कुल नहीं लेना चाहिए जो अपने स्थान पर बैठे-बैठे बोलते हैं। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान यह टिप्पणी उस समय की, जब श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया अपने मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। बिरला ने कहा, ‘मंत्री जी, जो सदस्य बैठे-बैठे बोलते हैं, उनका नोटिस भी मत लीजिए। आप अध्यक्ष की तरफ देखकर बोलें।’

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