Elections 2024: चुनाव प्रचार के लिए 40 फीसदी बढ़ी हेलीकॉप्टरों की मांग

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से एक माह पहले कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगा दिया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कहा है कि भाजपा, चुनावी संसाधनों पर अपना एकाधिकार करने का प्रयास कर रही है। राहुल गांधी ने कहा, अगर हमारे नेता को चुनाव में किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना है तो वह कैसे जाएगा। जब सरकार हमारी पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज कर रही है तो हेलीकॉप्टर की बुकिंग कैसे होगी, ट्रेन का टिकट कैसे मिलेगा। दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए चार्टर्ड विमान और हेलीकॉप्टरों की जबरदस्त बुकिंग हो रही है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार चार्टर्ड विमान और हेलीकॉप्टरों की बुकिंग में लगभग 40 फीसदी का उछाल देखा जा रहा है।

कंपनियों को एडवांस देना पड़ता है
जानकारों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के पास बुकिंग के लिए पैसा नहीं है, लेकिन दूसरे दलों के स्टार प्रचारकों के लिए चार्टर्ड विमान और हेलीकॉप्टर, बड़ी संख्या में बुक कराए जा रहे हैं।  कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार, पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी कई माह पहले ही चार्टर्ड विमान और हेलीकॉप्टरों की बुकिंग को लेकर कोटेशन मांगी गई थी। हालांकि उस वक्त स्टार प्रचारकों का नाम फाइनल नहीं होता, मगर एक अंदाजे से वह आंकड़ा तैयार किया जाता है कि चुनाव प्रचार के लिए कितने विमान और हेलीकॉप्टरों की जरुरत पड़ेगी। अब पहले चरण के मतदान में केवल एक महीना बचा है। यही वो समय होता है, जब विमान कंपनियों को एडवांस देना पड़ता है। अब एकाएक कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। इस वजह से बुकिंग प्रक्रिया अधर में लटक गई है। लिहाजा दूसरे दल भी बुकिंग करा रहे हैं, ऐसे में संभव है कि बाद में कांग्रेस पार्टी को लंबी दूरी की मूवमेंट के लिए संसाधन मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़े।

चार्टर्ड विमान महंगा तो हेलीकॉप्टर सस्ता 
अगर चार्टर्ड विमान की बात करें तो अधिकांश कंपनियों ने एक घंटे की फ्लाइट के लिए चार से पांच लाख रुपये का रेट तय किया है। अगर हेलीकॉप्टर की बुकिंग होती है तो उसके लिए डेढ़ लाख रुपये प्रतिघंटे के हिसाब से किराया देना पड़ता है। भारतीय निर्वाचन आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एयर बुकिंग पर लगभग ढाई सौ करोड़ रुपये खर्च किए थे। विमान कंपनी से जुड़े एक अधिकारी का कहना है, चुनाव में तो सभी पार्टियां चार्टर्ड विमान या हेलीकॉप्टर बुक कराती हैं। पांच साल पहले जो रेट थे, वे आज नहीं हैं। फ्यूल और मेनटेनेंस काफी बढ़ गई है। ऐसे में संभव है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में विमान या हेलीकॉप्टर के बुकिंग रेटों में भी इजाफा हो जाए। इसमें यह देखा जाता है कि किस दल ने कब बुकिंग कराई है। अगर दो चार दिन के भीतर विमान या हेलीकॉप्टर चाहिए तो उसके लिए रेट, कई गुणा बढ़ जाते हैं। प्री बुकिंग में रेट सामान्य ही रहते हैं।

हेलीकॉप्टरों की है भारी मांग 
जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए विमान और हेलीकॉप्टरों की भारी मांग सामने आ रही है। हालांकि हेलीकॉप्टर ने बुकिंग के मामले में चार्टर्ड विमान को पीछे छोड़ दिया है। इसके पीछे यह कारण है कि हेलीकॉप्टर को उतारने में ज्यादा दिक्कतें नहीं आती हैं और इसका किराया भी अधिक नहीं होता। विमान उतरने के लिए हवाई पट्टी की आवश्यकता होती है। साथ ही इसका रेट भी ज्यादा रहता है। देश में सौ से अधिक गैर-अनुसूचित ऑपरेटर भी हैं। ये वे ऑपरेटर होते हैं, जिनके पास प्री बुकिंग नहीं होती। उड़ान के लिए जब कभी इनके पास कोई ग्राहक आता है, ये अपनी सेवा देने के लिए तुरंत तैयार हो जाते हैं। हालांकि इनके रेट कुछ ज्यादा होते हैं।
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