आज दीपावली पर्व के अवसर पर रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर कड़क नोट और आभूषणों से सजा हुआ है। मंदिर का हर कोना, दीवार नकदी और जेवरात से चमक रही है। लगभग 200 करोड़ रूपों से मंदिर को सजाया गया है। भाई दूज तक इस मंदिर का स्वरूप ऐसा ही रहेगा। मंदिर में रखी गई सारी नकदी और जेवर भक्तों के हैं। रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर दिवाली पर्व के 5 दिन तक कुबेर का मंदिर बन जाता है। भक्त अपनी जमा पूंजी और सोना-चांदी के आभूषण मंदिर में रख जाते हैं। भाई दूज पर वापस लेने आते हैं। भरोसे इतना है कि आज तक यहां से एक रुपया इधर से उधर नहीं हुआ। हर साल की तरह इस बार भी लक्ष्मी मंदिर में गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी से भक्त जमा पूंजी रखने मंदिर पहुंचे है । चुनाव आयोग की सख्ती और प्रशासन की हिदायत के कारण इस बार नकदी कम रखी गई।
लक्ष्मी मां के हवाले रहेगी 5 दिन तक संपदा
पुजारी संजय अमर लाल के मुताबिक महालक्ष्मी मंदिर में तीन प्रतिमा, गणेश जी, लक्ष्मी जी और सरस्वती माता की हैं। लक्ष्मी माता की मूर्ति के हाथ में धन की थैली रखी हुई है, जो दिवाली वाले दिन वैभव का प्रतीक है। मान्यता है कि करीब 200 वर्ष पूर्व राजा रतन सिंह माता की कुल देवी के रूप में पूजन करते थे। उस दौरान राजा वैभव, निरोगी काया और प्रजा की खुशहाली के लिए पांच दिन तक अपनी संपदा मंदिर में रख कर पूजन करवाते थे। तभी से ये परंपरा चली आ रही है, जिसका निर्वहन आज भी किया जा रहा है। मंदिर में पुलिस की टीम द्वारा 24 घंटे निगरानी रखी जाती है।