दिल्ली से लेकर चीन तक ‎हिली धरती, भूकंप के तेज झटकों से मचा हड़कंप

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नई ‎दिल्ली। सोमवार मंगलवार की रात भूकंप के तेज झटकों ने ‎दिल्ली से लेकर चीन तक हड़कंप मचा ‎दिया है। ‎दिल्ली औरउसके आसपास आए भूकंप की तीव्रता ‎रिक्टर पैमाने पर 7.2 मापी गई है, जब‎कि चीन में इसकी तीव्रता 7.1 रही। प्राप्त जानकारी के अनुसार ‎दिल्ली तथा एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड में भी अनेक क्षेत्रों में भूकंप आने से अफरातफरी का माहौल बन गया, इस दौरान लोग अपने घरों से ‎निकलकर बाहर आ गए। वहीं पंजाब सहित चंडीगढ़ और जम्मू कश्मीर में भी भूकंप से एक बार फिर धरती कांप उठी थी। भूकंप के ये झटके काफी देर तक महसूस किए गए थे। यहां पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। इस दौरन भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का फैजाबाद बताया गया था। इधर सोशल मीडिया पर भी लोग एक दसूरे से पूछ रहे हैं कि क्या भूकंप आया है? गौरलब है ‎कि इससे पहले 11 जनवरी को दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके लगे थे। उधर पश्चिमोत्तर चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत क्षेत्र में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र ने कहा ‎कि स्थानीय समय के अनुसार मंगलवार को तड़के 2:09 बजे झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में अक्सू प्रान्त के वुशी काउंटी में महसूस किए गए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई। कजाकिस्तान के शहर अल्माटी के लोग ठंड के मौसम के बावजूद अपने घरों से बाहर निकल आए। अभी तक किसी नुकसान या जानमाल की हा‎‎नि की खबर नहीं है। चीन में आए भूकंप के करीब 30 मिनट बाद उज्बेकिस्तान में भी झटके महसूस किए गए। जब‎कि चीनी केंद्र वाले भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए हैं। हालां‎कि भू-वैज्ञानिकों ने भूकंप के खतरे को देखते हुए देश के हिस्सों को सीस्मिक जोन में बांटा है। सबसे कम खतरा जोन 2 में बताया जा रहा है और सबसे ज्यादा जोन 5 में है। हालां‎कि दिल्ली जोन 4 में है, यहां रिक्टर पैमाने पर 6 से ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप भारी तबाही मचा सकता है, इस‎लिए यहां पर सावधानी की जरूरत है। बता दें ‎कि पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। जो ‎कि नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, इसी वजह से भूकंप आता है।

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