कुत्तों ने दो साल की मासूम को बनाया शिकार, एक साल में 50 हजार लोगों को काटा
घटना के बाद बच्ची के माता-पिता उसे पहले छत्रीपुरा स्थित शिवम हॉस्पिटल ले गए, लेकिन वहां डॉक्टर नहीं थे। इसके बाद वे क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल गए, लेकिन वहां भी सीनियर डॉक्टर नहीं मिले। फिर टॉवर चौराहा स्थित एप्पल हॉस्पिटल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने 80 हजार रुपये का खर्च बताया, जिससे परिजन आर्थिक तंगी के कारण एमवाय अस्पताल गए। यहां मुफ्त इलाज मिला, जहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के सिर की ऊपरी त्वचा नोच दी गई है और आंख के पास गहरा घाव है। बच्ची को एंटी रेबीज इंजेक्शन भी दिया गया है।
आवारा कुत्तों का आतंक
मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों का आतंक मचा हुआ है। यहां 50 से ज्यादा खूंखार कुत्ते रहते हैं, जो श्रद्धालुओं और गोशाला की गायों-बछड़ों पर हमले कर चुके हैं। 19 मार्च को ही तीन श्रद्धालुओं को कुत्तों ने काटा, और पिछले 24 घंटों में सात लोग इन कुत्तों के शिकार हो चुके हैं। इस घटना के बाद महामंडलेश्वर रामगोपालदासजी महाराज ने नगर निगम कमिश्नर और मेयर को फोन कर कार्रवाई की मांग की और कुत्तों के लिए शहर से बाहर बड़े आश्रय स्थल बनाने की अपील की है।
कुत्तों के हमले की बढ़ती घटनाएं
हुकुमचंद हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. आशुतोष शर्मा के मुताबिक, इंदौर में हर महीने 4 से 5 हजार डॉग बाइट केस सामने आते हैं। पिछले एक साल में 50 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।
इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो चुकी है, जिसमें नगर निगम को एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों के तहत नसबंदी और टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने घटना पर दुख जताया और जल्द ही आवारा कुत्तों को शहर से बाहर करने का अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया। कांग्रेस और भाजपा के पार्षद भी इस मुद्दे पर विरोध जता चुके हैं, और उन्होंने शहर के बाहर कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने की बात की है।