चंडीगढ़। सिख समुदाय की दुल्हन अब आनंद कारज में भारी भरकम लहंगा नहीं पहनेंगी। यह फैसला जत्थेदार कुलविंदर सिंह की अध्यक्षता में लिया गया है। श्री हजूर साहब गुरुद्वारा में सिंह साहिबानों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। गुरुद्वारे में सिख दूल्हा-दुल्हन का विवाह के समय दुल्हन सलवार कमीज और चुन्नी ही पहन सकेंगी। अभी दुल्हन को भारी लहंगा पहनाया जाता है। जिसके कारण उसे परेशानी भी होती है। सिख समाज ने लाँवा (फेरे)के समय फूलों या चुन्नी की छाया करने पर भी रोक लगा दी है। शादी के कार्ड पर दूल्हे के नाम के आगे सिंह और दुल्हनों के आगे कौर लिखना अनिवार्य किया गया है।
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