भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित सोने से भरी कार के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने एक बार फिर हद दर्जे की लापरवाही दिखाई है। पूरे मामले की जांच और रेड की कार्रवाई में पहले ही कई लूज पोल सामने आए थे, अब 60 दिनों की मियाद में लोकायुक्त पुलिस आरोपी परिवहन विभाग के पूर्व कॉन्सटेबल सौरभ शर्मा, उसके साथी चेतन सिंह और शरद जायसवाल के खिलाफ चालान पेश नहीं कर पाई। जिसके चलते विधि के अनुसार लोकायुक्त की विशेष अदालत ने तीनों आरोपियों को जमानत का लाभ दे दिया।
अभी भी रहेंगे जेल में
लोकायुक्त अदालत से भले ही तीनों आरोपियों को जमानत मिल गई है लेकिन इन्हें अब भी जेल में रहना होगा। इसके पीछे वजह यह है कि तीनों पर ईडी ने भी मामला दर्ज किया है। बावजूद इसके इस घटनाक्रम ने लोकायुक्त पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
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