विदेशियों से नफरत के चलते भारत-चीन जैसे देशों का आर्थिक विकास धीमा : बाइडेन

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वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि विदेशियों से नफरत के चलते भारत और चीन जैसे देशों का आर्थिक विकास धीमा है। बाइडेन ने ये बात एक चुनावी कैंपेन के दौरान कही। बाइडेन वॉशिंगटन में अपनी इलेक्शन कैंपेन के लिए फंड इकट्टा करने के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रवासियों की अहमियत पर बोलना शुरू कर दिया। बाइडेन ने कहा कि चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ क्यों खराब है, जापान में समस्या क्यों हो रही है, रूस और भारत क्यों तेजी से विकास नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये देश विदेशियों (प्रवासियों) से नफरत करते हैं। ये नहीं चाहते कि प्रवासी इनके देश में जाएं। जबकि प्रवासी हमें मजबूत बनाते हैं।

अमेरिका को प्रवासियों ने मजबूत किया
अमेरिका में साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रवासी वोटरों पर नजर है। ऐसे में प्रवासियों को रिझाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। बाइडेन ने वॉशिंगटन में कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था दूसरे देशों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। इसकी एक वजह प्रवासी हैं। प्रवासियों ने हमें मजबूत किया है। बाइडेन ने कहा कि हम प्रवासियों का स्वागत करते हैं। एक तरफ जहां बाइडेन प्रवासियों को अमेरिका के लिए वरदान बता रहे हैं। वहीं, उनके विपक्षी यानी डोनाल्ड ट्रम्प का मानना है कि प्रवासी अमेरिका में जहर घोल रहे हैं। ट्रम्प प्रवासियों को देश से निकालने के लिए अमेरिका में डिपोर्टेशन अभियान चलाना चाहते हैं। चुनावी कैंपेन के दौरान उन्होंने कहा था, हमारे देश पर हमला हो रहा है। अगर मैं सत्ता में आया तो सभी जरूरी स्टेट, लोकल, फेडरल और मिलिट्री पावर का इस्तेमाल करके अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन ऑपरेशन चलाऊंगा।

अमेरिका में गैर-कानूनी तरीके से घुस रहे भारतीय
अमेरिका में पिछले 11 सालों में भारतीय प्रवासियों की तादाद डेढ़ गुना ज्यादा हो गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 से 2022 के बीच मेक्सिको के जरिए अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय प्रवासियों की संख्या में 100 गुना बढ़ोतरी हुई है। साल 2012 में अमेरिका की कस्टम और बॉर्डर पेट्रोल पुलिस ने 642 ऐसे मामले दर्ज किए थे, जिनमें भारतीय प्रवासियों ने गैर कानूनी तरीके से मैक्सिको के जरिए अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश की थी। जबकि साल 2022-23 में ये संख्या बढक़र 96,917 हो गई है।

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