दूसरे दिन केन्या से आए दल ने गांधीसागर में प्रचलित एवं पूर्ण हुए कार्यों का अवलोकन किया। साथ ही अभयारण्य में चीता पुनर्स्थापना अंतर्गत 6400 हेक्टेयर में बने बाड़े एवं क्षेत्र को भी देखा। चीतों को भारत सरकार की क्वारंटाइन गाइडलाइन अनुसार गांधीसागर में लाने के उपरांत 30 दिन के प्रारंभिक क्वारंटाइन के लिए बनाए गए बाड़ों का भ्रमण एवं बाड़े अन्तर्गत चीतों की मॉनिटरिंग के लिए लगाए गए हाईमास्ट कैमरा, जलस्रोत का भी केन्या से आए दल ने निरीक्षण किया। दल ने मॉनीटरिंग रूम का भी निरीक्षण किया। बाद में दल चीतों के लिए बनाए जा रहे उपचार केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचा। केन्या से आए दल को भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी के विशेषज्ञों द्वारा भारत में वन्यप्राणियों की मॉनिटरिंग के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों एवं तकनीकी के संबंध में भी अवगत कराया।
राजगढ़। मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की कवायद तेज हो गई है। चीतों को बसाने के पूर्व केन्या से आए डेलीगेशन के 6 सदस्यों ने गांधीसागर अभयारण्य का भ्रमण किया। दल ने गांधीसागर अभयारण्य में प्रचलित चीता पुनर्स्थापना योजना अन्तर्गत कार्यों का भी निरीक्षण किया व जानकारी ली। पहले दिन भ्रमण दल को अभयारण्य में चीता पुनर्स्थापना के लिए की गई तैयारियों एवं कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के सफलतम एक वर्ष के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण द्वारा दिया गया।