JABALPUR: कचरा प्लांट के नाम पर एस्सेल ग्रुप ने जबलपुर नगर निगम को कर दिया चीट, निगम की जमीन गिरवी रखकर ले लिया लोन

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जबलपुर। एस्सेल ग्रुप जिसके मालिक सुभाष चंद्र बीजेपी से राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। आजकल दिवालिया होने की कंडीशन में हैं, उनके इस हालात से जबलपुर भी अछूता नहीं है। दरअसल एस्सेल ग्रुप ने जबलपुर के कठौंदा में कचरे से बिजली बनाने का प्लांट स्थापित किया था। प्लांट के जरिए हुए कॉन्ट्रेक्ट के तहत कंपनी को नगर निगम से रोजाना एक टन कचरे पर 20 रुपए अदा करने थे। कचरे से जो बिजली बनाई जाती उससे कंपनी को मुनाफा होना था। लेकिन लगातार घाटे में चल रही कंपनी ने प्लांट के लिए लीज पर मिली नगर निगम की जमीन को गिरवी रखकर बैंक से लोन उठा लिया। अब लोन की रकम नहीं चुकाने के कारण बैंक पूरे के पूरे प्लांट को ही अपने कब्जे में लेने जा रहा है।

कांग्रेस ने किया विरोध
इस पूरे घटनाक्रम के खिलाफ कांग्रेस ने आवाज उठाई है। कांग्रेस पार्षद दल ने प्लांट को दूसरी कंपनी को देने का विरोध किया है। नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने बताया कि यह प्लांट 2016 में स्थापित किया गया था। एस्सेल ग्रुप की कंपनी इसका संचालन कर रही थी। कंपनी ने 11.5 मेगावाट का प्लांट लगाया था। नगर निगम कचरा देता था और कंपनी 20 रुपए प्रति टन के हिसाब से भुगतान करती थी। कंपनी को बिजली बेचने से हर माह चार करोड़ रुपए की आय होती थी। कुछ समय बाद एस्सेल ग्रुप ने निगम की भूमि को गिरवी रखकर बैंक से लोन लिया। अब यह राशि 178 करोड़ रुपए हो गई है। इसके अलावा कंपनी को नगर निगम में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा करना है। लोन नहीं चुकाने के कारण बैंक ने प्लांट को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है। बैंक इसे किसी दूसरी कंपनी को सौंपकर अपनी बकाया राशि वसूलना चाहता है।

जनता की एक-एक पाई की हो वसूली
अमरीश मिश्रा का कहना है कि निगम प्रशासन पहले बड़े बकायादारों से वसूली करे। इसके बाद ही नागरिकों की संपत्ति पर कुर्की जैसी कार्रवाई करे। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्षद दल और कार्यकर्ताओं ने कठोंदा प्लांट के पास प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्षद दल ने कहा है की वे इस मामले में हुए भ्रष्टाचार की ईओडब्ल्यू में भी शिकायत दर्ज कराएंगे।

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