फलोदी सट्टा बाजार में मध्यप्रदेश को लेकर बदल रहे अनुमान

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भोपाल। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों को लेकर जहां राजनीतिक गलियारे में गरमा-गर्मी चल रही है, वहीं सट्टा बाजार में भी इसे लेकर जबरदस्त रुझान देखने को मिले हैं। जैसे-जैसे चुनाव परिणाम की तारीख 4 जून नजदीक आ रही है राजस्थान का सबसे चर्चित सट्टा बाजार का आंकलन लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ाने का काम कर रहा है। फलोदी सट्टा बाजार को लेकर सोशल मीडिया पर जो पोस्ट वायरल हुई है, उसके मुताबिक मध्य प्रदेश में कांग्रेस को खासी बढ़त मिलती नजर आई है। संपूर्ण लोकसभा चुनाव परिणाम की बात करें तब भी इंडिया गठबंधन को एनडीए से बेहतर स्थिति में दिखलाया गया है।
फलोदी सट्टा बाजार के नाम से सोशल मीडिया में जारी एक आंकलन के अनुसार कुल 543 लोकसभा सीटों में से इंडिया गठबंधन को 346 और मोदी (एनडीए) को 165 सीटें मिलती दिखाई गई हैं। इसी प्रकार मध्य प्रदेश लोकसभा की 29 सीटों में से इंडिया को 10 और मादी (एनडीए) को 19 सीटें मिलती हुई दिखाई गई हैं। इसे देखते हुए कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की बल्ले-बल्ले होने वाली है। फलोदी सट्टा बाजार का यह रुझान अभी सोशल मीडिया पर वायरल ही हो रहा था कि सट्टा बाजार का अनुमान बदलने का दावा भी सट्टा बाजार के सूत्रों ने करना शुरु कर दिया। इस बदले हुए अनुमान के मुताबिक एक बार फिर साल 2014 और 2019 के आंकड़े रिपीट होने जा रहे हैं। दरअसल, फलोदी सट्टा बाजार के बदले हुए अनुमान की माने तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस साल 2014 या साल 2019 जैसी स्थिति में ही रहने वाली है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि प्रदेश की 7 सीटों में जबरदस्त फाईट सट्टा बाजार शो कर रहा है। इसी तरह सट्टा बाजार बीजेपी को देशभर में 280 से 290 सीटों की संभावना जता रहा है, जबकि कांग्रेस को 70 से 85 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। सट्टा बाजार का आंकलन भी लोगों को चौंका रहा है। सट्टा बाजार सूत्र बताते हैं कि लोकसभाल चुनाव 2024 के 04 चरण तक फलोदी सट्टा बाजार में 110 करोड़ रुपए दांव पर लगाए जा चुके हैं। पांचवें चरण का मतदान कल 20 मई को होने के बाद दो चरण का मतदान अभी शेष रह जाता है। ऐसे में पूरे लोकसभा चुनाव में फलोदी सट्टा बाजार में सट्टे का कारोबार करीब 3 सौ करोड़ रुपए का होने की उम्मीद है। जहां तक जीत हार की संभावना का सवाल है तो अगले चरणों के मतदान प्रतिशत को देखते हुए अनुमान एक बार नहीं बल्कि बार-बार बदलते दिख सकते हैं। बहरहाल इंडिया गठबंधन को पिछले चुनावों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में सट्टा बाजार रखता है, जो अपने आप में एनडीए के लिए चिंता का विषय हो सकता है।

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