नई दिल्ली। देश के शीर्षस्थ न्यायालय और सरकार के सख्त आदेशों और पाबंदियों के बाद भी दिवाली की रात को जमकर पटाखे चलाए गए। जिसकी वजह से दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम, मुंबई और अन्य शहरों की हवा जहरीली हो गई। जिसकी वजह से रात के समय एक्यूआई का स्तर काफी जगह 900 के पार भी दर्ज किया गया था। दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर को पूरे राज्य में पटाखों के उत्पादन, बिक्री, स्टोरेज और उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया था। जो 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा। इसके बाद भी दिल्ली के लोग दिवाली की अलगी सुबह धुंध और प्रदूषण के साथ जगे। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले तीन सालों में सबसे खराब रहा है। जिसकी वजह से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए हवा दमघोंटू साबित हो सकती है।
कई राज्यों में पटाखों पर प्रतिबंध
प्रदूषण का स्तर कई जगहों पर बेहद गंभीर श्रेणी में नजर आया। बता दें कि दिल्ली के इलाकों में एक्यूआई 350 से ऊपर दर्ज की गई थी। इसकी वजह से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई राज्यों में दिवाली की अगली सुबह धुंध की चादर और प्रदूषण देखने को मिला। दिल्ली के अलावा बिहार के पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया था। वहीं महाराष्ट्र और बंगला में पटाखों को लेकर बैन लगा रहा। हालांकि ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन फिर भी राज्यों में चोरी छुपे पटाखों की खरीदी और बिक्री जारी रही। जिसकी वजह से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ रहा। पंजाब और हरियाणा में राज्य सरकार ने दिवाली, क्रिसमस और नए साल सहित प्रमुख त्योहारों पर पटाखे जलाने का समय सीमित किया था।
ये है हवा की गुणवत्ता
एक्यूआई 0 से लेकर 50 के बीच अच्छी क्वालिटी की मानी जाती है। वहीं 51 से लेकर 100 के बीच यह संतोषजनक होती है। 101 से 200 के बीच इसे मध्यम श्रेणी में रखा जाता है। 201 से 300 तक यह खराब मानी जाती है। इसके अलावा 301 से लेकर 400 के बीच यह बेहद खराब और 401 से 500 के बीच इसे गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। इस साल हवा नहीं चलने की वजह से प्रदूषण की स्थिति का चिंताजनक हो गई है।