जबलपुर : कहीं नकली, तो कहीं असली डॉक्टर कर रहे मनमानी, शहर में तेजी से फल-फूल रहा डॉक्टरों का गोरखधंधा 

738

 


जबलपुर । एक तरह जहां शहर में झोलाछाप और अयोग्य डॉक्टर इलाज कर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, वहीं योग्य डॉक्टर्स भी चंद पैसे बचाने के लिए पंजीयन नहीं करवा रहे हैं। जिससे न केवल स्वस्थ विभाग के लिए परेशानी बढ़ रही हैं, साथ ही इनकी आड़ में अयोग्य डॉक्टर्स का भी कारोबार तेजी से फल फूल रहा है।

वही स्वास्थ्य विभाग भी विगत 2 अप्रैल से 122 ऐसे क्लीनिक की सूची निकाल कर बैठा है, जिनमें से चंद क्लिनिको ने ही अपना रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराया है। लेकिन कई क्लीनिक आज भी बिना अपना रजिस्ट्रेशन रिन्यू किए हुए ही मरीज का उपचार एवं अन्य गतिविधियां कर रहे हैं।

 

 इधर-उधर फेक रहे बायो वेस्ट 

डॉक्टरों के क्लीनिक का पंजीयन न करवाने से बायो वेस्ट की समस्या उत्पन्न हो रहा है, जो चंद रूपए बचाने के चक्कर में बायो वेस्ट को इधर-उधर फेंक रहे हैं। इन बायो वेस्ट में इंजेक्शंस, एक्सपायरी दवाइयों से लेकर कई ऐसी चीज शामिल हैं जिसे बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ रहता है, परंतु उसके बाद भी कई क्लीनिस्क इन्हे ऐसे ही फेक देते हैं। इन बायो बेस्ट को नष्ट करने के लिए अलग से एक सफाई कर्मियों की टीम बनाई गई है जो थोड़ी बहुत फीस लेकर क्लिनिक्स से बायो बेस्ट इकट्ठा करते हैं, और उन्हें कहीं दूर ले जाकर नष्ट कर देते हैं, परंतु सफाई कंपनी की इन चंद रुपयों की फीस से बचने के लिए डॉक्टर एवं क्लीनिक के संचालक आम जनता की जान के साथ खिलवाड़ करने में उतारू है। वैसे तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के

24 घंटे में 22 जगह सेवा दे रहे एक डॉक्टर

इसी कड़ी में एक ऐसे सुपरमैन डॉक्टर भी शामिल है, जिनके नाम पर 22 सोनोग्राफी सेंटर्स रजिस्टर्ड हैं और इन डॉक्टर की शक्तियां भी किसी फिल्मी सुपर हीरो से कम नहीं है क्योंकि दिनभर के 24 घंटो में 22 सोनोग्राफी सेंटर्स में जाकर अपनी सेवाएं देना हर किसी के बस की बात नहीं है।

बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी सेंटर के डॉक्टर के लिए निर्धारित नियम स्पष्ट नहीं हैं कि वे कितने सोनोग्राफी सेंटर्स में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। इस बारे में लोक मंगल न्यूज़ की टीम द्वारा जब सीएमएचओ संजय मिश्रा से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है, उन्होंने उक्त डॉक्टर से सभी 22 क्लिनिको में अपनी सेवाएं देने का टाइम लिखने की बात कही है।

ब्यूटीशियन बन बैठे डॉक्टर

झोलाछाप डॉक्टर्स की सूची में कुछ ऐसे नकली डॉक्टर भी शामिल हैं, जो पहले तो ब्यूटीशियन का काम कर रहे थे, परंतु अब वह भी बिना किसी डिग्री के स्वयंभू डॉक्टर बन बैठे हैं। इन झोलाछाप डॉक्टर्स की गैंग द्वारा लेजर ट्रीटमेंट के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

क्योंकि लेजर ट्रीटमेंट सिर्फ वही डॉक्टर कर सकते हैं, जिनके पास इसकी विधिवत अनुमति, डिग्री और रजिस्ट्रेशन हो, परंतु चंद पैसों की लालच में डॉक्टर बन बैठे ब्यूटीशियन भी इस अंधी दौड़ में शामिल हो गए हैं।

डिग्री कुछ और की, इलाज कुछ और 

 कुछ ऐसे BDS डिग्री वाले डेंटल डॉक्टर हैं, जो स्किन स्पेशलिस्ट यानी चर्म रोग विशेषज्ञ बन बैठे हैं। इन डॉक्टरों द्वारा अपनी क्लिनिको का इस कदर भ्रामक प्रचार प्रसार किया जाता है कि भोली भाली जनता इनके चंगुल में फंस जाती है, और आखिर तक एक अच्छे इलाज की उम्मीद लेकर अपना धन बल सब खो बैठती है। आखिर में जब वे निराश हो जाते हैं तो मजबूर होकर बड़े शहरों की तरफ अपना रुख करते हैं।

 

इन डॉक्टरों में मिली अयोग्यता

चंद महीनों पहले डर्मेटोलॉजी सोसायटी द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर ऐसे डाक्टर्स एवं क्लिनिक्स के बारे में शिकायत की गई थी, जो अयोग्य श्रेणी में आने के बाद भी धड़ल्ले से मरीजों को गलत उपचार कर उन्हें लूट रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. अवधेश भट्ट, डॉक्टर अरुण वर्मा, डॉ. पॉल, डॉ. निशा नागवंशी, डॉ. मीत, वीएलसीसी क्लिनिक, एसएस ब्यूटी, डॉ. शुभी जैन, डेंटल डॉक्टर समरीन खानुम राजा, बीएएम/ बीएचएमएस क्लीनिक एवं ऐसे कई डेंटल डॉक्टर्स जो त्वचा विशेषज्ञ का भी काम रहे हैं, उनके खिलाफ शिकायत कर कार्यवाही की मांग की थी। वही जिस सोनोग्राफी डॉक्टर को सुपर हीरो की श्रेणी दी गई है, वे सोनोलॉजिस्ट डॉक्टर श्री गुप्ता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.