आठ साल के बच्चे को कीचड़ से भरे नाले में ढूंढ रहा था पिता, 72 घंटे बाद चार किलोमीटर गहराई में मिला शव

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गुवाहाटी। मौसम का कहर पूर्वोत्तर पर टूट रहा है। असम में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से लोगों का बुरा हाल है। अबतक कईयों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इस बीच यहां के गुवाहाटी से एक रौंगटे खड़े देने वाला मामला सामने आया है। एक आठ साल के बच्चे का शव करीब तीन दिन बाद राजगढ़ इलाके के नाले से करीब चार किलोमीटर नीचे से बरामद किया गया।

 

रविवार को मिला शव
रविवार को शव मिलने के बाद गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में ले जाया गया। बाद में माता-पिता ने अपने बच्चे की पहचान की। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बचाव एजेंसियों ने पहाड़ी ज्योतिनगर से चार किलोमीटर से अधिक नीचे राजगढ़ इलाके में शव बरामद किया, जहां लड़का नाले में गिर गया था। माता-पिता ने शुरू में उनके साथ साझा की गई तस्वीरों के आधार पर शव की पहचान की और बाद में अस्पताल में जाकर भी पुष्टि की।


 

गुरुवार की घटना
दरअसल, असम के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी के कुछ हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। यहां गुवाहाटी के पहाड़ी इलाके ज्योतिनगर में गुरुवार शाम को अभिनाश अपने पिता की स्कूटी से फिसलकर खुले नाले में गिर गया था। अपने बेटे को ढूंढने के लिए उन्होंने भी छलांग लगा दी थी, लेकिन कामयाब नहीं हुए। तभी से पिता हीरालाल अपने बच्चे की तलाश में जुटे थे। उन्हें बच्चे की चप्पल मिली थीं, जिन्हें पुलिस को वेरिफिकेशन के लिए सौंप दिए थे।  इस घटना का पता चलने के बाद से प्रशासन भी मुस्तैदी से उस बच्चों को ढूंढने में जुट गया था और कई मशीनों के साथ-साथ खोजी कुत्तों को भी नाले में गिरे बच्चे की तलाश में लगाया गया था।  इस बीच, हीरालाल ने रोते हुए पत्रकारों को बताया था, ‘मैं लोहे की छड़ से नाले में तलाश कर रहा हूं और इनकी मदद से मुझे बेटे के सैंडल मिले हैं। मैं उसे इस छड़ से नहीं ढूंढ सकता। सरकार के पास मशीनरी है, उन्हें मेरे बेटे को ढूंढना ही होगा।

72 घंटे कीचड़ में 
टी-शर्ट और हाफ-पैंट पहने हुए हीरालाल कीचड़ और कचरे में अपने बेटे को ढूंढ रहे थे। वह पिछले 72 घंटों से अपने बच्चे की तलाश में जुटे थे और रात को थक जाने पर पास के ही एक दुकान के बरामदे में लेट गए थे। उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक वह अपने बेटे को ढूंढ नहीं लेते, तबतक वह आराम से नहीं बैठेंगे।  हीरालाल ने सीएम से कहा था, ‘मैं घर कैसे जा सकता हूं, जब मेरा बेटा यहां हैं। मुझे पता है कि मेरा बेटा यहां हैं और मैं उसे ढूंढने तक आराम नहीं कर सकता।’

ऐसे हुआ था हादसा
बता दें कि गुरुवार देर शाम भारी बारिश के बीच अभिनाश अपने पिता के साथ उनकी दुकान से घर लौट रहा था, तभी उनकी स्कूटी फिसल गई थी और पीछे बैठा अभिनाश फिसलकर खुले नाले में गिर गया था। हीरालाल ने बताया था कि उन्हे एक-दो बार नाले में बेटे का हाथ दिखा और वह उसे पकड़ने के लिए नाले में कूदे, लेकिन सफल नहीं रहे।

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