नई दिल्ली। भारत को मिलने वाले एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन्स में फ्रांस की खतरनाक मिसाइल ब्राइमस्टोन को लगाया जा सकता है। इस पर विचार किया जा रहा है। यूरोपीय रक्षा कंपनी एमबीडीए का कहना है कि वह अपनी मिसाइल ब्राइमस्टोन को भारत को मिलने वाले एमक्यू-9बी प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन पर एकीकृत करने की संभावना पर विचार करने के लिए तैयार है।
क्यों खास है ब्राइमस्टोन मिसाइल
एमबीडीए की ब्राइमस्टोन मिसाइल की लंबाई करीब दो मीटर है। इसमें आधुनिक एयरफ्रेम और अपडेटेट सॉफ्टवेयर लगाया गया है। इसे मिलिस्ट्री व्हिकल से लेकर हवा तक से लॉन्च किया जा सकता है। जमीन से लॉन्च करने पर इसकी मारक रेंज 13 किलोमीटर तक है। इस दायरे में आने वाले दुश्मन को तबाह कर देती है। अगर एयरक्राफ्ट से इसे फायर किया जाएगा तो इसकी रेंज 60 किलोमीटर तक होगी। अगर हेलिकॉप्टर से इसको दुश्मन पर छोड़ा जाएगा तो ये 40 किलोमीटर के दायरे में अचूक निशाना लगाएगी।
तीन अरब डॉलर का सौदा
सशस्त्र बलों के निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए भारत का रक्षा मंत्रालय अमेरिका से तीन अरब डॉलर में 31 प्रीडेटर (एमक्यू-9बी सीगार्डियन) ड्रोन खरीद रहा है। यह सौदा प्रक्रिया में है। एमबीडीए के अधिकारियों ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हम भारत द्वारा खरीदे जा रहे एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन पर ब्राइमस्टोन मिसाइलों के एकीकरण के किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार हैं।’
ब्रिटेन पहले ही ले चुका है फैसला
ब्रिटेन ने पहले ही रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) के एमक्यू-9 बी ड्रोन के बेड़े में ब्राइमस्टोन मिसाइलों को लोड करने का फैसला किया है ताकि उनकी क्षमताओं को बढ़ाया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल को अफगानिस्तान और लीबिया में तैनात किया गया था और यह सर्जिकल स्ट्राइक करने की अपनी क्षमता के लिए काफी पसंद किया गया।