गांधी सागर वन्य अभ्यारण में छोड़े गए चीतल-हिरन; शाजापुर, राजगढ़, भोपाल से लाए जाएंगे शाकाहारी पशु

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मंदसौर। मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में चीतों के सफल पुनर्स्थापना के उपरांत गांधी सागर अभ्यारण्य को चीतों के दूसरे घर के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रचलित चीता पुनर्स्थापना योजना में चीतों के लिए तैयार किया जा रहा 64 वर्ग किमी का बाड़ा बनकर लगभग तैयार हो गया है। शेष कार्य अंतिम चरण में है। इस बीच चीतल-हिरन का आना भी शुरू हो गया है।
गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों के पुनर्स्थापना के पूर्व शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ाने हेतु 1250 चीतल हिरन अन्य संरक्षित क्षेत्रों से स्थानांतरित किए जाने हैं, ताकि चीतों के शिकार के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध हो सके। वन मंडल अधिकारी ने बताया गया कि कान्हा नेशनल पार्क से आने वाले कुल 500 हिरण में से 23 हिरन पहली खेप में गांधी सागर अभ्यारण्य में पहुंच चुकी है। इन्हें सफलतापूर्ण स्वस्थ्य अवस्था में वन्य प्राणी पशु चिकित्सक की निगरानी में शाकाहारी वन्य प्राणी हेतु निर्मित 90 हैक्टेयर के बाड़े में छोड़ दिया गया है।
वन्य विहार नेशनल पार्क भोपाल से 250, नरसिंहगढ़ अभ्यारण्य राजगढ़ से 250 चीतल-हिरन एवं फरवरी, मार्च में शाजापुर से 400 कृष्ण मृग हिरन अभ्यारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा।
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