यहां पिछले 400 सालों से मलाजपुर के गुरु साहब बाबा के मेले में मानसिक बीमारों का इलाज बाल खींच कर और झाड़ू मारकर होता है। बताया जाता है कि इस मेले का आयोजन पिछले 500 साल से भी ज्यादा समय से हो रहा है। इस स्थान पर मेले के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और इसके अलावा प्रेत बाधा से पीड़ित, निसंतान दंपती और सर्पदंश से पीड़ित मरीज भी इस स्थान पर आते हैं।
गुरु साहब बाबा की महिमा मानते हैं लोग
मानसिक बीमारियों से पीड़ित मरीज के इस तरह से इलाज को लेकर जानकार मानते हैं कि यह अंधविश्वास नहीं है, बल्कि गुरु साहब बाबा की महिमा है। जिसे आराम मिलता है, उसे पूरा विश्वास हो जाता है। वहीं दूसरी ओर, चिकित्सा विज्ञान इसे पूरी तरह से अंधविश्वास मानती है। पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि वे अपने मरीज का इलाज कई डॉक्टरों से करवा चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। जब उन्हें पता चला कि मलाजपुर में ऐसे मरीजों का इलाज किया जाता है, तो वहां लेकर आते हैं। यहां के पुजारी बाबू सिंह यादव बताते हैं कि यहां पर भूत-प्रेत से पीड़ित लोग ठीक हो जाते हैं। सर्पदंश से पीड़ित भी सही हो जाते हैं। समाधि स्थल का इतिहास 500 वर्ष का है।