भोपाल। गर्मी बढऩे के साथ ही प्रदेशभर में जल संकट बढऩे लगा है। प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं, जहां वॉटर लेवल का शत प्रतिशत दोहन हो रहा है। ऐसे में आने वाले समय में मप्र के शहरों की स्थित बैंगलूर या चेन्नई जैसी हो सकती है। हालांकि, सरकार ने अब सडक़ों के सहारे प्रदेश का भूजल स्तर सुधारने की कवायद शुरु कर दी है। यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो मोहन सरकार इस प्लान को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली सडक़ों पर भी करेगी।
इस योजना में सबसे पहले उन शहरों को शामिल किया जाएगा, जिनका वॉटर लेवल तेजी से घटता जा रहा है। ऐसे शहरों में जहां भी स्टेट हाईवे या अन्य सडक़ बनेंगी, वहां रिचार्ज बोर योजना के तहत भूजल स्तर को सुधारने की पहल की जाएगी। सडक़ों के किनारे जो बोर किए जाएंगे वह 6 इंच व्यास के होंगे। उनकी गहराई उस स्थान के भूजल स्तर पर निर्भर करेगी। इसके तहत सडक़ पर बहने वाले वर्षा के जल को संग्रहित कर बोर के माध्यम से जमीन के अंदर पहुंचा जाएगा। इसमें ऐसे सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जाएगा जिससे पानी के साथ बहने वाली अन्य सामग्री बोर के अंदर जाने से बच जाए।
हर एक किलोमीटर पर होंगे रिचार्ज बोर
प्रदेश में बनने वाली नई सडक़ों के किनारे दोनों और हर एक किलोमीटर पर रिचार्ज पर बनाए जाएंगे। इससे पहले प्रदेश के ऐसे शहरों को चिन्हित किया जाएगा जो सूखाग्रस्त श्रेणी में आते हैं। सडक़ों के आसपास रिचार्ज बोर बनाने से पहले आसपास के रहवासियों से भी सुझाव लिए जाएंगे। इसके आधार पर ही नई सडक़ों का निर्माण होगा।
पहले चरण में 14 स्टेट हाईवे में शुरू होगा काम
प्रदेश के शहरों में भूजल स्तर को सुधारने के लिए पहले पहले चरण में 14 स्टेट हाईवे के किनारे रिचार्ज बार किए जाएंगे। यहां वर्षा के पानी से भूजल रिचार्ज के लिए सारे सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। बता दें कि इन सभी 14 स्टेट हाईवे सडक़ विकास निगम के द्वारा बनाए जा रहे हैं। इनको एनडीबी से ऋण मिला हुआ है। बता दें कि इस योजना के तहत सरकार सभी स्टेट हाईवे के प्रत्येक 1 किलोमीटर पर सडक़ के दोनों और रिचार्ज बोर स्थापित करेगी। प्रत्येक रिचार्ज बोर की अनुमानित कीमत 75000 रुपए होगी। इन शहरों के चयन में यह देखा जाएगा कि कहां पानी की उपलब्धता कम है। वहां का पानी कितना गुणवत्ता युक्त है और वहां पानी की उपयोगिता कितनी है।