गौतम-सागर अदाणी पर लगे आरोपों को समूह ने नकारा, कहा- अमेरिकी कोर्ट में FCPA के उल्लंघन का आरोप नहीं

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नई दिल्ली। जानेमाने कारोबारी और अरबपति गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर लगे आरोपों को अदाणी समूह ने सिरे से खारिज कर दिया है। अदाणी समूह ने बुधवार को कहा कि गौतम अदाणी और उनके भतीजे पर रिश्वतखोरी के एक मामले में अमेरिकी अधिकारियों की ओर से कोर्ट में दायर अभियोग में अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दर्ज कराया बयान
रिश्वतखोरी के आरोपों से घिरी अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि तीनों पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट गलत हैं। उन पर ऐसे अपराधों का आरोप लगाया गया है, जो मौद्रिक जुर्माना या सजा के साथ दंडनीय हैं। गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन पर यूएस डीओजे के अभियोग या यूएस एसईसी की सिविल शिकायत में निर्धारित एफसीपीए के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।
इन तीन आरोपों का जिक्र
फाइलिंग में कहा गया कि इन निदेशकों पर आपराधिक अभियोग में तीन मामलों में आरोप लगाए गए हैं, पहला- कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश, दूसरा- कथित वायर धोखाधड़ी की साजिश, और तीसरा- कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी। अदाणी समूह ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि वह अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी कदम उठाएगा। गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन के खिलाफ अमेरिका के मामले में न्याय विभाग की ओर से न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के संयुक्त राज्य जिला न्यायालय के सामने एक आपराधिक अभियोग दायर किया गया है। कंपनी ने कहा कि अभियोग में किसी भी जुर्माने या दंड को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। यानी कितनी सजा का प्रावधान है या कितने जुर्माने का प्रावधान है? यह तय नहीं किया गया है।
शिकायत में कौन-कौन से आरोप?
सिविल शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने प्रतिभूति अधिनियम 1933 और प्रतिभूति अधिनियम 1934 की कुछ धाराओं का उल्लंघन किया और और अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को अधिनियमों के उल्लंघन के लिए उकसाया। हालांकि, शिकायत में प्रतिवादियों को नागरिक मौद्रिक दंड का भुगतान करने का निर्देश देने के लिए एक आदेश की मांग की गई है, लेकिन यह दंड की राशि को निर्धारित नहीं करता है।
अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी समूह पर क्या आरोप लगाए?
अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अदाणी (62), उनके भतीजे सागर अदाणी और अन्य पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। अदाणी पर 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) की रिश्वतखोरी का आरोप लगा है। एक अनुमान के अनुसार इससे समूह को संभावित रूप से दो अरब डॉलर से अधिक का लाभ हो सकता है। अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया कि यह सब उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छुपाया गया, जिनसे अदाणी समूह ने इस परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे। कुछ रिपोर्ट्स में किए गए दावों के अनुसार, गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया।
अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने अदाणी समूह के खिलाफ क्या कहा?
न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने बयान में कहा था, ‘प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत साजिश रची।’ विभिन्न कारोबारों से जुड़े अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी, उनके भतीजे एवं अदाणी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी और कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रहे विनीत जैन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी, प्रतिभूति धोखाधड़ी साजिश और वायर धोखाधड़ी की साजिश का आरोप लगाया गया है। अदाणी पर अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के एक दीवानी मामले में भी आरोप लगाए गए हैं। अभियोग में सागर और जैन पर संघीय कानून तोड़ने के भी आरोप लगाये गए हैं।
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