Halwa Ceremony: बजट से पहले नॉर्थ ब्लॉक में हलवा सेरेमनी, वित्त मंत्री ने अधिकारियों को अपने हाथों से परोसा

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नई दिल्ली । अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 के लिए बजट तैयारी प्रक्रिया के अंतिम चरण शुरू होने से पहले आज नॉर्थ ब्लॉक में हलवा सेरेमनी का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड मौजूद रहे। बजट तैयार करने की “लॉक-इन” प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है।
बजट पेश होने से पहले क्यों होता है ‘हलवा समारोह’?
वित्त मंत्री की ओर से बजट से ठीक पहले एक हलवा समारोह का आयोजन किया जाता है। यह हलवा समारोह इस बात का परिचायक होता है कि बजट को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इसके छपने का काम शुरू हो चुका है। इस समारोह में बड़ी संख्या में बजट तैयार करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। दरअसल, वित्त मंत्रालय के बजट विभाग के जितने भी अधिकारी बजट बनाने के कामों में जुटे होते हैं, उन्हें संसद में बजट पेश होने तक अपने परिवारों से संपर्क नहीं करने दिया जाता। ऐसे में सरकार उनकी मेहनत को लेकर आभार प्रकट के लिए हलवा समारोह का आयोजन करती है।
The Halwa ceremony, the final stage of the Budget preparation process for Budget 2024, held in North Block
कैसे मनाई जाती है हलवा सेरेमनी?
मीठी शुरुआत के तौर पर हलवा सेरेमनी एक परंपरागत बजट पूर्व कार्यक्रम है जिसे बजट की छपाई से पहले मनाया जाता रहा है। कहा जाता है लंबे समय तक चलने वाली बजट बनाने की प्रक्रिया की समाप्ति के बाद मीठा खाकर बजट की छपाई को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई जाती रही। वित्त मंत्री कढ़ाई को हिलाती हैं और अधिकारियों को हलवा परोसकर बजट के लिए हरी झंडी दिखाई जाती है। यह समारोह वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में होता है, जहां बजट की छपाई के लिए एक विशेष प्रिंटिंग प्रेस है।
The Halwa ceremony, the final stage of the Budget preparation process for Budget 2024, held in North Block
बजट तैयार करने के दौरान बरती जाती है पूरी गोपनीयता 
कहते हैं कि संसद में बजट पेश होने से पहले करीब 10 दिनों तक बजट से जुड़े वित्त मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही रहते हैं। जहां पूरी गोपनीयता रखी जाती है। दावों के मुताबिक मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर इंटेलिजेंस ब्यूरो की चौबीसों घंटे निगरानी रहती है, उन्हें प्रियजनों से संपर्क करने की भी अनुमति नहीं होती। यहां तक की उन्हें फोन करने की भी इजाजत नहीं होती है। सीसीटीवी का एक मजबूत नेटवर्क और जैमर उन्हें बाहरी संपर्क से काट कर रखता है। बताया जाता है 1950 तक  बजट दस्तावेज की छपाई राष्ट्रपति भवन में होती रही लेकिन उसी वर्ष एक लीक हो जाने के बाद इसे मिंटो रोड और बाद में नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में स्थानांतरित कर दिया गया। बजट की छपाई स्थायी रूप से इसी प्रिंटिंग प्रेस में होने लगी।
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