Mahakal Fire Incident: महाकाल मंदिर अग्निकांड पर मानवाधिकार आयोग का एक्शन, मांगी 15 बिंदुओं की जांच रिपोर्ट
दोषी कोई भी हो होगी कार्रवाई – कलेक्टर
इस पूरे मामले में कलेक्टर नीरज सिंह का कहना था कि गुरुवार को मजिस्ट्रीयल टीम द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, उसके बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जानिए गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान कितने लोग रहते हैं मौजूद
प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान हुई आगजनी की घटना ने इस सवाल को भी जन्म दे दिया है कि भस्म आरती के दौरान नियम अनुसार पात्र लोग ही गर्भगृह में मौजूद रहते हैं या फिर नियमों की अनदेखी होती है? महाकालेश्वर मंदिर समिति भी इस प्रश्न को लेकर मंथन करने में जुट गई है। भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में मौजूद रहने को लेकर भी नियम बना हुआ है। इस नियम का पालन सभी को करना होता है। सोर्स बताते है कि जिस पुजारी की भस्म आरती होती है, वह अपने साथ तीन अन्य पुजारी को रखता है। इसके अलावा महाकालेश्वर मंदिर समिति के दो कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं। कुछ सेवक भी पिछले कई साल से लगातार भस्म आरती में आकर सेवा दे रहे हैं। वे भी गर्भगृह में मौजूद रहते हैं। उन्होंने बताया कि संख्या के मान से लगभग 17 लोग भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में मौजूद रहते हैं।
यह है भस्म आरती की परंपरा
महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले अलसुबह भगवान महाकाल के दरबार के पट खोले जाते हैं, जिसके बाद भगवान को जल, दूध, दही, शहद, शक्कर आदि से स्नान कराया जाता है। इसके पश्चात मंदिर के पंडित और पुरोहित भगवान का भांग, सूखे मेवे, अबीर गुलाल आदि से शृंगार करते हैं। श्रंगार होने के बाद महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति महंत द्वारा भस्म चढ़ाई जाती है। भस्म स्नान होते ही धूप, घी और कपूर की अलग-अलग आरती होती है।