छह महीनों से शहरों और गांवों में घूम रहा हूं: विवेक अग्निहोत्री

द दिल्ली फाइल्स की चल रही है तैयारी

130

कई अहम मुद्दों पर फिल्में बनाने वाले बालीवुड फिल्म निर्माता विवेकरंजन अग्निहोत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले कुछ महीने पश्चिम बंगाल के हिंसक इतिहास के मूल कारणों को समझने में बिताए हैं। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर पर दो तस्वीरें शेयर कीं और बंगाल के हिंसक इतिहास के महत्वपूर्ण अध्याय को उजागर किया। एक तस्वीर नेशनल म्यूजियम की है और दूसरी एक बंगाली कलाकार की पेंटिंग है, जो उन्हें गिफ्ट में मिली है। इस तस्वीरों को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा द दिल्ली फाइल्स अपडेट: बंगाल की असली कहानी, बंगालियों की जुबानी… पिछले छह महीनों से मैं अलग-अलग शहरों और गांवों में घूम रहा हूं, लोगों से बातचीत कर रहा हूं। स्थानीय संस्कृति और इतिहास को लेकर रिसर्च कर रहा हूं।

अपनी अगली फिल्म के लिए बंगाल के हिंसक इतिहास के मूल कारण को समझने की कोशिश कर रहा हूं। निर्देशक ने आगे लिखा कि बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसे दो बार बांटा गया था और यह एकमात्र ऐसा राज्य है जहां आजादी से पहले और बाद लगातार नरसंहार हुए। स्वतंत्र भारत में संघर्ष दो मुख्यधारा की राष्ट्रीय विचारधाराओं- हिंदू धर्म और इस्लाम के बीच था। बंगाल में चार मुख्यधारा की विचारधाराएं थीं- हिंदू धर्म, इस्लाम, साम्यवाद और इसकी कट्टरपंथी शाखा नक्सलवाद। साथ ही, पुनर्जागरण काल की राष्ट्रवाद, सामाजिक सुधार, दर्शन, कला, साहित्य और आध्यात्मिकता की महान विरासत के खोने का बहुत मजबूत एहसास था। सभी एक-दूसरे से लड़ रहे थे। निर्देशक ने आगे कहा कि नतीजतन, राज्य का सभी पहलुओं में पतन हो गया। क्या बचा था? सिर्फ वामपंथ। विवेक ने कहा कि बंगाल में विभाजन कभी खत्म नहीं हुआ और उनकी राय में, अभी भी दो राष्ट्र मौजूद हैं और तीन संविधान हैं। बंगाल को सहानुभूति और दूरदृष्टि वाले एक सच्चे नेता की जरूरत है जो बंगाल को पुनर्जागरण 2.0 की ओर ले जा सके। बता दें कि विवेक ने अपनी फिल्म के लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए केरल से कोलकाता और फिर दिल्ली तक की लंबी दूरी तय की। उनका दावा है कि उन्होंने ऐतिहासिक घटनाओं से संबंधित 100 से ज्यादा किताबें और 200 से ज्यादा आर्टिकल पढ़े हैं। उन्होंने और उनकी टीम ने रिसर्च के लिए 20 राज्यों की यात्रा की, जिसमें सात हजार से ज्यादा रिसर्च पेज और एक हजार से ज्यादा अभिलेखों का अध्ययन किया। वह हाल ही में महाराष्ट्र के सेवाग्राम में महात्मा गांधी के आश्रम गए थे। विवेक ने सोशल मीडिया पर गांधी के आश्रम से कुछ तस्वीरें शेयर की थी। इन तस्वीरों के कैप्शन में विवेक ने लिखा था कि द दिल्ली फाइल्स के रिसर्च के लिए यहां आया हूं। मैंने सेवाग्राम में गांधीजी के आश्रम में कुछ दिन बिताए। इस कॉटेज को दुनिया भर के लोगों ने देखा है। कुछ मशहूर पत्रकार गांधीजी का इंटरव्यू लेने के लिए यहां आते थे। हर माता-पिता को अपने बच्चों को यहां जरूर लाना चाहिए। यह वाकई प्रेरणादायक है। बता दें कि फिल्म मेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री अहम मुद्दों पर फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। इन दिनों वह अपनी फिल्म द दिल्ली फाइल्स की तैयारियों को लेकर काफी बिजी हैं। इस बीच उन्होंने पश्चिम बंगाल की राजनीति पर अपनी राय साझा की है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.