साल 2000 में सुपरस्टार ऋतिक रोशन ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म कहो ना प्यार है से की। इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। ऋतिक रोशन के पिता राकेश रोशन खुद एक अभिनेता और निर्देशक रह चुके हैं, जिन्होंने अपने करियर में कई संघर्षों का सामना किया। वे नहीं चाहते थे कि ऋतिक भी उसी कठिन रास्ते से गुजरें।
इसी सिलसिले में मशहूर अभिनेता और लेखक कादर खान ने उन्हें सलाह दी थी कि यदि ऋतिक स्पेशल इफेक्ट्स में रुचि रखते हैं, तो उन्हें मुंबई के भागुभाई पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला लेना चाहिए। ऋतिक ने इस घटना को याद करते हुए बताया कि जब उनके पिता ने यह निर्णय सुनाया तो वे बेहद हैरान हो गए। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था कि जब उन्हें बताया गया कि इस कॉलेज में एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर ठीक करना सिखाया जाएगा, तो वे चौंक गए। हालांकि, ऋतिक ने अपने सपनों के साथ कोई समझौता नहीं किया और अपनी मेहनत और लगन से बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई। कहो ना प्यार है की जबरदस्त सफलता के बाद वे सुपरस्टार बन गए, लेकिन करियर की राह इतनी आसान नहीं थी। शुरुआती सफलता के बाद ऋतिक को लगातार कई असफल फिल्मों का सामना करना पड़ा, जिससे वे मानसिक रूप से भी परेशान रहने लगे। अभिनेत्री अमीषा पटेल ने भी एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उस दौर में ऋतिक काफी चिंतित रहते थे।
इस कठिन दौर के बावजूद ऋतिक ने हार नहीं मानी और कोई मिल गया, धूम 2, जोधा अकबर जैसी फिल्मों के जरिए अपनी शानदार वापसी की। आज वे न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता बल्कि भारत के सबसे फिट और हैंडसम स्टार्स में से एक माने जाते हैं। ऋतिक की यह कहानी दर्शाती है कि अगर व्यक्ति में जुनून और मेहनत करने की इच्छाशक्ति हो, तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकता है। बताया जा रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले उनके पिता राकेश रोशन ने उन्हें अभिनय के अनिश्चित भविष्य को लेकर आगाह किया था और एक बैकअप प्लान तैयार रखने की सलाह दी थी।
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