महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कराने के नाम पर अवैध वसूली, 10 आरोपियो को मिली जमानत, चार अब भी फरार

5
उज्जैन। उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के नाम पर अवैध वसूली करने के आरोप में  गिरफ्तार 10 आरोपियों को जमानत मिल गई है। आठ आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट ने जमानत दे दी, जबकि दो आरोपियों को पहले ही जमानत दे गई थी। मामले में शामिल चार आरोपी अभी भी फरार हैं।  इनमें से एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। पुलिस सभी फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। दरअसल, महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से अवैध वसूली मामले में जांच के बाद मंदिर के कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मचारियों समेत अन्य पर थाना महाकाल ने अपराध क्रमांक- 655/2024 धारा- 318(4), 316(2), 316(5) बीएनएस में केस दर्ज किया था। केस में पुलिस ने आरोपी विनोद चौकसे, राकेश श्रीवास्तव, अभिषेक भार्गव, राजकुमार सिंह, राजेंद्र सिंह सिसोदिया, जितेंद्र सिंह पवार, ओमप्रकाश माली, रितेश शर्मा, उमेश पंड्या और करण सिंह पवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। जिन्हें अब जमानत मिल गई है।
पुलिस के पास नहीं था फरियादी
एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि सभी आरोपियों ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। सबसे अहम यह कि पुलिस के पास कोई भी फरियादी नहीं था। पुलिस ने एफआईआर दर्ज किए बिना ही सभी के मोबाइल चेक कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। उज्जैन कोर्ट ने विनोद चौकसे, राकेश श्रीवास्तव, अभिषेक भार्गव, राजकुमार सिंह, राजेंद्र सिंह सिसोदिया, ओमप्रकाश माली, रितेश शर्मा, करण सिंह पवार को जमानत दे दी है। वहीं, दो दिन पहले उमेश पंड्या और जितेंद्र सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी। जबकि एक फरार आरोपी दीपक मित्तल की ओर से हाईकोर्ट में दायर अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। पुलिस चार फरार आरोपियों आशीष शर्मा, दीपक मित्तल, पंकज शर्मा और विजेंद्र यादव की तलाश कर रही है।

2360 पन्नों की चार्जशीट दाखिल
महाकाल मंदिर में करीब से दर्शन कराने के नाम पर श्रद्धालुओं से धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने 90 दिन की गहन जांच के बाद कोर्ट में 2360 पन्नों की चार्जशीट पेश की। इस चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम और 42 गवाहों के बयान दर्ज हैं। खास बात यह है कि मंदिर समिति से जुड़े 10 आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं, जबकि 4 आरोपी अब भी फरार हैं। फरार आरोपियों पर पुलिस ने 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार के अनुसार धारा 318(4), 316(2), 316(5) के तहत केस दर्ज किया गया था। करीब 90 दिन तक चली जांच के बाद पुलिस ने अदालत में 2360 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।

ऐसे पकड़ा गया पूरा मामला
दरअसल, 19 दिसंबर 2024 को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने महाकाल मंदिर के नंदी हॉल में उत्तर प्रदेश और गुजरात के श्रद्धालुओं को पकड़ा। जांच में पता चला कि श्रद्धालु मंदिर के पुरोहित अजय शर्मा, प्रतिनिधि राजेश भट्ट उर्फ पत्ती गुरु और सेवक कुणाल शर्मा के जरिए पहुंचे थे। तीनों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए गए। इसके बाद लगातार खुलासे होते गए और आरोपी बढ़ते गए। पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की थीं। पहली एफआईआर में पुरोहित, प्रतिनिधि और सेवक को आरोपी बनाया गया था। दूसरी एफआईआर में मंदिर समिति और सिक्योरिटी एजेंसी के कर्मचारियों के खिलाफ अमानत में खयानत और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। जिसके बाद श्रद्धालुओं को नंदी हॉल में बैठाने की सुविधा सफाई कर्मचारी विनोद चौकसे और दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव ने दी थी। 20 दिसंबर को सुरक्षा प्रभारी राकेश श्रीवास्तव, सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे, जिला प्रोटोकॉल कर्मचारी अभिषेक भार्गव, सभा मंडप के दर्शन प्रभारी राजेंद्र सिसोदिया, आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह, मंदिर कर्मचारी रितेश शर्मा और पूर्व नंदी हॉल प्रभारी उमेश पंड्या को आरोपी बनाया गया। आउटसोर्स एजेंसी क्रिस्टल के कर्मचारी ओमप्रकाश माली, जितेंद्र सिंह पवार, करण पवार और मंदिर के कर्मचारी आशीष शर्मा, पूर्व मंदिर समिति सदस्य दीपक मित्तल, यूट्यूबर पंकज शर्मा और विजेंद्र यादव के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.