खंडवा डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने बताया कि हमें मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग जंगलों में अवैध कटाई करने वाले हैं। हमारे एसडीओ और फॉरेस्ट टीम को कार्रवाई को लगाया था। पूरे जिले में नाकाबंदी की थी। कार्रवाई करते हुए हमने रात्रि में दो वाहन जब्त किए हैं। तीन अपराधियों को भी पकड़ा है। इसमें से एक गाड़ी को ग्राम पाडलिया माल से जब्त किया था। उसके साथ हमने संदीप गौड़ और दिनेश छापा नाम के अपराधियों को भी पकड़ा है। उनकी गाड़ी से करीब 1.6 घन मीटर लकड़ी भी पकड़ी है। इसकी कीमत 64000 रुपये है। दूसरी गाड़ी ग्राम रांझनी से जब्त की है। इसमें करीब 3.5 घन मीटर लकड़ी जब्त हुई है, जिसकी कीमत करीब 1,85,000 रुपये है ।
छानबीन में सामने आया बिश्नोई गैंग का हाथ
डीएफओ डामोर ने बताया कि इस छानबीन में जो एक चीज सामने आई है कि दोनों जगह से पकड़े गए अपराधियों का संबंध एक ही गैंग से है। इसमें जो नाम छानबीन में सामने आए हैं वह गोकुल बिश्नोई और भजनलाल बिश्नोई हैं, जो परमलाई के आसपास के रहने वाले हैं। ऐसी सूचना भी मिली है कि उन्होंने अवैध लकड़ी का एक बड़ा स्टॉक कर रखा है। इस पर भी हमारी टीम काम कर रही है। जल्द ही हम एक बड़ी कार्रवाई कर मामले का खुलासा करेंगे।
आरोपी फेक रहे थे वन अमले पर लकड़ी के लट्ठे
खंडवा डीएफओ डामोर ने बताया कि चूंकि हमें पहले से लकड़ी की कटाई की जानकारी थी और हमारा स्टाफ उनकी खोज में लगा था। अचानक से लकड़ी तस्करों की गाड़ी हमारे स्टाफ की गाड़ी के सामने आ गई। हमारी टीम ने उनकी गाड़ी का पीछा किया। तब वे लोग अपनी गाड़ियों से लकड़ियों के लट्ठे रास्ते में फेंकते हुए जाने लगे। ताकि हमारी गाड़ियां रुक जाए। इस दौरान लगभग 25 से 30 किलोमीटर तक उन लोगों ने गाड़ियों को भगाया। हमारे स्टाफ ने उनकी गाड़ियों का लगातार पीछा किया। अपराधियों को पकड़ते हुए गाड़ियों को भी जब्त किया गया। इस मामले में हमने कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अभी हम रिमांड पर ले रहे हैं। उसके बाद वन अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर कोर्ट चालान बनाकर पेश किया जाएगा।