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नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाख गैर-राजनीतिक युवाओं को जन प्रतिनिधि के रूप में राजनीति में लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जातिवाद और वंशवाद की राजनाती को खत्म करने में मदद मिलेगी। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि युवा अपनी पसंद की किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं, जरूरी नहीं कि कोई एक ही पार्टी हो। पीएम मोदी ने कहा, “देश में राजनीति के क्षेत्र में हम एक लाख जन प्रतिनिधि चाहते हैं। हम ऐसे ही एक लाख युवा चाहते हैं जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि न हो।” उन्होंने कहा, “उनके (युवाओं के) माता-पिता, भाई-बहन, चाचा-चाची, भतीजे कभी भी किसी भी पीढ़ी में राजनीति में नहीं रहे, हमें ऐसे प्रतिभाशाली युवा का जरूरत है। चाहे वह पंचायत के लिए हो, नगरपालिका, जिला परिषद या विधानसभा या लोकसभा। उनके परिवार को कोई राजनीतिक इतिहास न हो। इससे जातिवाद और वंशवाद की राजनीति से छुटकारा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कदम नए विचारों और क्षमताओं को सामने लाएगा। अपने 98 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि यह भारत का स्वर्ण युग है और 2047 तक विकसित भारत देश का इंतजार कर रहा है। उन्होंने भाई-भतीजावाद से मुक्त करने के अपने प्रयास को दोहराया।