भारत ने फिर इस्राइल-हमास युद्ध को लेकर दोहराया रुख, कहा- तुरंत हो बंधकों की रिहाई, संघर्ष विराम लागू हो
फलस्तीन की मदद करने में अग्रणी रहा है भारत
पश्चिम एशिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की खुली चर्चा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप प्रतिनिधि आर रवींद्र ने यह भी बताया कि भारत, फलस्तीन के लोगों के लिए एक विश्वसनीय विकास भागीदार रहा है। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न रूपों में भारत ने फलस्तीन की करीब 12 करोड़ डॉलर की विकासात्मक सहायता की है, जिसमें यूएनआरडब्ल्यूए में योगदान के रूप में 3.5 करोड़ डॉलर भी शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया, ‘भारत यूएनआरडब्ल्यूए को साल 2018 से 50 लाख डॉलर हर साल योगदान के रूप में दे रहा है। हम पहले ही 25 लाख डॉलर के भुगतान की घोषणा कर चुके हैं। यूएनआरडब्ल्यूए में हमारे वार्षिक योगदान का पहला हिस्सा इस सप्ताह की शुरुआत में 15 जुलाई को भेज दिया गया था।’
आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा
उन्होंने कहा, ‘भारत उन देशों में से है, जिन्होंने पिछले साल सात अक्तूबर को इस्राइल पर हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की। इतना ही नहीं हमने इस्राइल-हमास युद्ध में नागरिकों की जान जाने की भी निंदा की है। हम लगातार संयम, तनाव कम करने और वार्ता एवं कूटनीति के जरिए संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दे रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने सभी परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आग्रह किया। रवींद्र ने कहा, ‘हम गाजा पट्टी में तुरंत पूरी तरह से युद्धविराम, सुरक्षा, समय और निरंतर मानवीय सहायता तथा राहत एवं आवश्यक मानवीय सेवाओं तक निर्बाध पहुंच की मांग दोहराते हैं। इसके अलावा, हम सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का भी आह्वान करते हैं।’
कतर और मिस्र की सराहना
उन्होंने इस्राइल और फलस्तीन के बीच समझौता कराने की कोशिश कर रहे कतर और मिस्र जैसे देशों की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि हमने सभी प्रासंगिक बहुपक्षीय मंचों पर अपनी स्थिति को लगातार दोहराया है।
द्वि-राष्ट्र समाधान पर भारत का जोर
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आर रवींद्र ने कहा था कि भारत ने हमेशा बातचीत के आधार पर द्वि-राष्ट्र समाधान (Two State Solution) का समर्थन किया है, जिससे फलस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राष्ट्र की स्थापना हो सके। उन्होंने कहा था कि भारत ने गाजा में चल रहे इस्राइल-हमास संघर्ष पर एक सैद्धांतिक रुख अपनाया है।