India-US Ties: भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी, समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं दोनों देश

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नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत का एक दौर शनिवार को पूरा कर लिया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, वार्ता सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। इस बैठक में अमेरिका के अधिकारियों की टीम का नेतृत्व साउथ और सेंट्रल एशिया के लिए असिस्टेंट अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच ने किया।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत समझदार व्यक्ति और अच्छे मित्र बताया। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच टैरिफ से जुड़ी बातचीत अच्छे परिणाम देगी। इससे पहले भी डोनाल्ड ट्रंप भारत पर अमेरिकी सामानों पर ऊंचे टैरिफ लगाने का आरोप लगाते रहे हैं। अमेरिका ने कई देशों पर प्रतिशोधी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें भारत भी शामिल हो सकता है।

अमेरिका के टैरिफ और भारत पर असर
अमेरिका ने चीन पर पहले ही अतिरिक्त शुल्क लगा दिए हैं। इसके अलावा 12 मार्च से स्टील और एल्युमिनियम पर 25 फीसदी शुल्क लगाया गया। वहीं 3 अप्रैल से पूरी तरह तैयार वाहनों (सीबीयूएस) और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ लागू होगा। इसके साथ ही वेनेजुएला से तेल खरीदने वाले देशों पर भी 25 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की गई है, जिससे भारत में तेल का व्यापार प्रभावित हो सकता है।

दोनों देशों के व्यापार समझौते का लक्ष्य
भारत और अमेरिका इस समझौते का पहला चरण 2025 के सितंबर-अक्तूबर तक पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं। दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर से अधिक करने की योजना पर काम कर रहे हैं। अमेरिका की मांग है कि औद्योगिक वस्त्र, ऑटोमोबाइल, पेट्रोकेमिकल, डेयरी, कृषि उत्पाद पर टैरिफ में कटौती की जाए। वहीं भारत की प्राथमिकताएं है कि टेक्सटाइल और अन्य श्रम-प्रधान उद्योगों के लिए टैरिफ में राहत मिले। वहीं भारतीय उद्योगों और निर्यातकों ने सरकार से अमेरिकी टैरिफ से राहत दिलाने की मांग की है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इसलिए अधिक शुल्क भारतीय निर्यातकों को नुकसान पहुंचा सकता है।

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