ट्रंप के टैरिफ दबाव के चलते चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा भारत
चीनी तकनीशियनों और श्रमिकों को काम करने वीजा में राहत देने पर भी चर्चा
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर केंद्र सरकार विचार कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ कम करने के दबाव को देखते हुए नीति-निर्माता भारत-चीन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए इसी समय को सही मान रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनका मानना है कि चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को सामान्य करने से अमेरिका को यह स्पष्ट संदेश मिल जाएगा और ट्रंप के दबाव से निपटने में यह काम आएगा।
सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार के कई विभागों के बीच चर्चा चल रही है कि चीन के साथ व्यापार और निवेश पर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों में ढील दी जाए। ये प्रतिबंध 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद लागू किए गए थे। औद्योगिक क्षेत्र से मिल रही मांगों के कुछ प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। इनमें चीनी नागरिकों के लिए वीजा नियमों में ढील, चीनी उत्पादों पर टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करना और कुछ प्रतिबंधित चीनी ऐप्स को दोबारा अनुमति देना शामिल है।
इसके अलावा चीनी स्कॉलर्स के लिए वीजा जारी करने और दोनों देशों के बीच हवाई सेवाओं को फिर शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। निवेश के मामले में भी भारत सरकार अब बीजिंग से पूंजी प्रवाह की अनुमति देने पर विचार कर रही है, जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार घाटे को संतुलित किया जा सके। वर्तमान में भारत की नीति के मुताबिक उन देशों से निवेश को सरकार की मंजूरी लेनी होती है जो भारत के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं।
रिपोर्ट में सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में व्यापार प्रतिबंधों में कुछ ढील देने के पक्ष में एक प्रस्तुति भी दी थी। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि चीन से आने वाले उत्पादों पर अनिवार्य बीआईएस प्रमाणन और गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों को लेकर भी विचार किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि व्यापार संबंधों को बहाल करना जरुरी हो गया है, खासकर ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद के दौर में। व्यापार और गैर-व्यापार बाधाओं को हटाने की मांग पहले से ही छोटे और मध्यम उद्योगों द्वारा की जा रही थी। इसके अलावा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल चीनी तकनीशियनों और श्रमिकों को भारत में काम करने के लिए वीजा नियमों में कुछ राहत देने पर भी चर्चा हो रही है।
सूत्रों का कहना है कि चीन भी भारत के साथ व्यापार बहाल करने के लिए इच्छुक है। भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक धीरे-धीरे चीन के साथ व्यापारिक प्रतिबंधों में छूट दी जा सकती है, जिससे चीनी कंपनियों को भारत में निवेश की अनुमति दी जा सके। हालांकि, सरकार यह तय करेगी कि चीनी कंपनियों की भागीदारी भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी में हो और उनमें चीन की हिस्सेदारी अल्पसंख्यक हो।