इंदौर। इंदौर में फाइनेंस कारोबारी और दाल मिल संचालक धनसुख राज कटारिया और उनके ठिकानों, लॉकर्स से इनकम टैक्स विभाग को अब तक की जांच में 8.5 करोड़ रु. केश, 15 करोड़ रु. का सोना और 10 करोड़ रु. से ज्यादा की हुंडियां मिली हैं। संभवत: यह अब तक सबसे बड़ी नकदी की जब्ती है। इंदौर की इनकम टैक्स विभाग इंदौर, रतलाम और खरगोन के अन्य कारोबारियों के ठिकानों पर गहराई से छानबीन की। कटारिया के बैंक खातों, लॉकर्स सहित करोड़ों के लेन-देन को खंगाला। यह भी पता चला है कि कटारिया और उनके भाई चेन्नई में इनकम टैक्स दाखिल करते हैं। खास बास यह नकदी घर, लॉकर्स सहित अन्य ठिकानों से जब्त किए गए हैं। जानकारी मिली है कि कटारिया का साजन नगर में दाल मिल का संचालन महज एक दिखावा है जबकि मुख्य काम करोड़ों का फाइनेंस कर तगड़ा ब्याज हासिल करना है। भाइयों का रियल एस्टेट, एग्रीकल्चर जमीन आदि का कारोबार है। अभी तक करीब 30 करोड़ रु. तक की गडबडिय़ां मिली हैं।
भारी भरकम पुलिस बल रहा मौजूद
भारी-भरकम पुलिस बल के साथ आयकर विभाग की टीम ने कटारिया समूह के इंदौर और खरगोन के ठिकानों पर छापा मारा। जानकी नगर निवासी सुखराज कटारिया की फर्म फाइनेंस सहित अन्य कारोबार में लिप्त है
कटारिया की खरगोन में दिलीप दाल मिल नामक फर्म है। इसके अलावा ब्याज-बट्टे का भी धंधा है। उनके कई फाइनेंसरों से लेन-देन की जानकारी मिली है। कटारिया ने दाल मिल के अलावा रियल एस्टेट में भी निवेश कर रखा था। इनके तार बड़े नेताओं से भी जुड़े हैं। विभाग के पास नेताओं को फंडिंग करने की जानकारी भी थी जिसके आधार पर कार्रवाई की गई है।