तेहरान। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव से भारत के चाय उद्योग पर भी ऐसे वक्त में आशंका के बादल मंडराने लगे हैं जब पश्चिमी एशियाई बाजार में बेहतर कारोबार की संभावनाएं दिख रही थीं। जब इजरायल-हमास विवाद अक्टूबर 2023 में बढ़ा तब चाय निर्यातकों के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह थी कि इसका प्रभाव पश्चिमी एशियाई देशों तक होगा विशेषतौर पर ईरान पर।परंपरागत तौर पर ईरान भारतीय चाय का एक प्रमुख केंद्र रहा है। उद्योग का कहना है कि इस साल ईरान से काफी अच्छी मांग की गई है। भारतीय चाय निर्यातक संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, ‘पिछले साल ईरान में कारोबार, भुगतान चुनौतियों के चलते प्रभावित हुआ। लेकिन इस साल इस कारोबार में अच्छा-खासा सुधार दिखा।
कलकत्ता चाय व्यापारी संगठन (सीटीटीए) के आंकड़ों के मुताबकि उत्तर भारत की परंपरागत चायपत्ती की औसत कीमत वर्ष 2024 में 288.77 रुपये प्रति किलोग्राम है जबकि वर्ष 2023 में इसकी कीमत 217.20 रुपये प्रति किलोग्राम थी। वहीं दक्षिण भारत की परंपरागत चायपत्ती की औसत कीमत वर्ष 2023 के 147.35 रुपये प्रति किलोग्राम की तुलना में 164.97 रुपये प्रति किलोग्राम है। एशियन टी कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, अगर तनावपूर्ण स्थिति में कमी नहीं आती है तब माल ढुलाई के रास्ते और बीमा पर भी असर पड़ सकता है।