जबलपुर । हजारों रुपयों की रिश्वत लेते पुलिस विभाग में पदस्थ एक आरक्षक को लोकायुक्त में रंगे हाथों दबोचा है । बताया जा रहा है कि आरोपी आरक्षक रिश्वत की रकम लेने के लिए युवक को पान की दुकान के पास बुलाया था। जहां पर पहले से मौजूद लोकायुक्त की टीम ने उसे पकड़ लिया। जानकारी के मुताबिक गोरा बाजार थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक उर्मिलेश ओझा को 40 हजार रूपए रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने थाने के सामने पान की दुकान से दबोचा है। इस मामले में शिकायतकर्ता संदीप यादव निवासी रिज रोड़ सिविल लाइन ने बताया कि उन्होंने 2019 में राजेंद्र जायसवाल निवासी तिलहरी से एक जमीन का एग्रीमेंट किया था, जो कि उनके पिता जी के नाम पर है । उन्होंने बताया कि उस दौरान राजीव जायसवाल ने कई बार बोलने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं करवाई। अब 5 साल हो जाने के बाद वह जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए दबाव बना रहे है। जिसकी शिकायत उन्होंने गोरा बाजार थाने एंव गौर चौकी में की थी ।
मामला खत्म करवाने मांगे एक लाख
शिकायतकर्ता संदीप यादव ने बताया कि इस मामले की जांच गोराबाजार थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक उर्मिलेश ओझा एवं राजेश गौतम द्वारा मामला खत्म करवाने के एवज में उसके घर गए और एक लाख रुपयों की डिमांड करने लगे। जब उसने देने से मना किया तो उन्हें धमकाने लगे।
शहर में शराब की कई दुकाने
संदीप यादव के मुताबिक राजेंद्र जायसवाल का क्षेत्र में दबदबा है, जिनकी शहर में कई शराब की दुकानें है। उन्होंने बताया कि पुलिस वाले भी उनके साथ मिले हुए है, और परेशान कर रहे थे। बताया जा रहा है कि आज गुरुवार एक फरवरी को शिकायतकर्ता संदीप यादव जब रिश्वत की रकम के 40 हजार देने गोराबाजार थाने के सामने एक पान की दुकान पर पहुंचा, तभी लोकायुक्त की टीम द्वारा प्रधान आरक्षक उर्मिलेश ओझा को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ लिया गया । बहरहाल लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत की रकम जब्त करते हुए आगे की कार्यवाही चालू कर दी है।