जबलपुर : शहर में बढ़ रहा अयोग्य डाक्टरों का दायरा, जल्द एक्शन ले सकता है स्वास्थ्य विभाग

बिना रजिस्ट्रेशन लेजर ट्रीटमेंट जैसे उपचार कर रहे VLCC एवं डॉ. Meets जैसी संस्थाएं

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जबलपुर । वर्तमान में शहर में ऐसे कई दर्जनों क्लीनिक एवं डॉक्टर मौजूद है जो मरीज के शरीर एवं उनके पैसों के साथ खिलवाड़ कर रहे है। इन क्लीनिक संचालकों को सिर्फ अपनी मोटी कमाई से मतलब रहता है, ना कि मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से। वही आम नागरिक भी इन क्लीनिक एवं डॉक्टर्स के भ्रामक प्रचार-प्रसार में फंसकर अपना इलाज करवाने उनके पास पहुंच जाते है। जिसके बाद उनके चंगुल से बाहर निकलना मरीजों के लिए मुश्किल हो जाता है ।

डॉक्टर डेंटल का, सेवाएं दे रहे त्वचा रोग की- लोकमंगल कीटीम को कुछ ऐसे डॉक्टर्स के नाम पता चले हैं, जिन्होंने डिग्री तो डेंटल की ले रखी है, परंतु इलाज़ त्वचा रोग विशेषज्ञ का कर रहे हैं। अब जब डेंटिस्ट ही इस प्रकार का कृत्य करेंगे, तो समझ जाइए आम भोले-भाले मरीजों का क्या हाल होता होगा। मरीज भी इन डॉक्टरों के चंगुल में फंसकर अपना धन-बल सब लगा देते हैं। और आखिर में जब उन्हें राहत नहीं मिलती तो फिर किसी बड़े शहरों की तरफ रुख करते हैं। वही इन अयोग्य डॉक्टरों की वजह से वरिष्ठ एवं रजिस्टर्ड डॉक्टरस भी परेशान हो चुके हैं। जिनके द्वारा समय-समय पर जिला प्रशासन को झोलाछाप डॉक्टर्स की जानकारी दी जाती रही है। नियमानुसार सिर्फ प्लास्टिक सर्जन और त्वचा रोग विशेषज्ञ ही त्वचा संबंधी समस्याओं का उपचार कर सकते हैं। इनके सिर्फ अलावा BDS के बाद मैक्सिलोफेशियल में MDS करने वाले डॉक्टर ही चेहरे के उपचार के लिए योग्य हैं।

बिना रजिस्ट्रेशन VLCC कर रहा उपचार

इस मामले में डर्मेटोलॉजी सोसायटी एवं आईएमए से मिली जानकारी के मुताबिक गोरखपुर क्षेत्र स्थित VLCC द्वारा लेजर ट्रीटमेंट के नाम पर भ्रामक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। वही VLCC पहुंच रहे लोगों का लेजर से ट्रीटमेंट भी किया जा रहा है। डर्मेटोलॉजी सोसायटी के मुताबिक लेजर ट्रीटमेंट का उपचार केवल लाइसेंस धारी एवं त्वचा रोग विशेषज्ञ की देखरेख में किया जा सकता है। परन्तु VLCC के पास ना तो कोई त्वचा रोग विशेषज्ञ है, ना ही उनके पास लेजर ट्रीटमेंट का कोई लाइसेंस है। डर्मेटोलॉजी सोसायटी द्वारा ऐसे उपचार वाले केंद्रो के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की जा चुकी है ।

दर्जनों क्लिनिकों ने अब तक नहीं कराया रजिस्ट्रेशन

हाल ही विगत 2 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे 122 क्लिनिकों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया था । जिन्होंने 31 मार्च के पहले अपना रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं कराया था । स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में यह साफ लिखा गया था कि रजिस्ट्रेशन रिन्यू न होने तक सभी क्लिनिक मरीजों का उपचार एवं अन्य गतिविधियां नहीं कर सकते हैं । परंतु आज दिनांक तक 122 क्लिनिकों में से सिर्फ 28 क्लिनिक ही ऐसे हैं जिन्होने अपना रजिस्टे्रशन रिन्यू करा लिया है । वहीं जो बचे हुए हैं वो बिना रजिस्ट्रेशन रिन्यू करवाए ही धडल्ले से मरीजों का उपचार एवं अन्य गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं । पकड़े जाने के डर से नहीं करा रहे रजिस्टे्रशन बताया जा रहा है कि जिन क्लिनिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन अब तक नहीं कराया है, उनमें से कई क्लिनिक ऐसे है, जिन्होनें पहला तो अपने क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन जुगाड़ लगवाकर करवा लिया । परंतु अब जब उनके रजिस्ट्रेशन के रिन्यू की पारी आई तो वे पकड़े जाने के डर से पीछे हट रहे है । क्योंकि वर्तमान के ऐसे कई क्लिनिक्स हैं जो स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर खरा नहीं उतरते है ।

इन डॉक्टरों में मिली अयोग्यता

चंद महीनों पहले डर्मेटोलॉजी सोसायटी द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर ऐसे डाक्टर्स एवं क्लिनिक्स के बारे में शिकायत की गई थी, जो अयोग्य श्रेणी में आने के बाद भी धड़ल्ले से मरीजों को गलत उपचार कर उन्हें लूट रहे हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. अवधेश भट्ट, डॉक्टर अरुण वर्मा, डॉक्टर पॉल, डॉ. निशा नागवंशी, डॉ. मीत, वीएलसीसी क्लिनिक, एसएस ब्यूटी, डॉ. शुभी जैन, डेंटल डॉक्टर समरीन खानुम राजा, बीएएम/बीएचएमएस क्लीनिक एवं ऐसे कई डेंटल डॉक्टर्स जो त्वचा विशेषज्ञ का भी काम रहे हैं, उनके खिलाफ शिकायत कर कार्यवाही की मांग की थी ।

जल्द एक्शन लेगा स्वास्थ्य विभाग

लोक मंगल न्यूज के माध्यम से स्वास्थ्य अधिकारी संजय मिश्रा ने अपील कर कहा कि जो क्वालीफाई डॉक्टर्स है, वे अपना रजिस्ट्रेशन करा लें । उन्होनें कहा कि इससे एक तो सरकार को रेवेन्यू जाता है साथ ही उनका क्लीनिक रजिस्टर्ड हो जाता है । इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को ऐसे अयोग्य डॉक्टर्स पर भी कार्यवाही करने में आसानी मिलती है जो बिना रजिस्ट्रेशन एवं मान्यता के मरीजों का उपचार कर रहे हैं । श्री मिश्रा ने कहा कि जिन्होने अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनके खिलाफ जल्द ही नोटिस जारी कर आगे की कार्यवाही की जाएगी ।

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