नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधकर कहा कि प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले के आपातकाल का जिक्र किया, लेकिन पिछले 10 सालों के उस ‘अघोषित आपातकाल को भूल गए जिसका जनता ने इस चुनाव में अंत कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश को उम्मीद थी कि संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नीट एवं अन्य परीक्षाओं में ‘पेपर लीक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कुछ कहे।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा ‘काला धब्बा करार देकर सोमवार को कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करे। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी जी अपने रस्मी संबोधन में आज जररुत से ज्यादा बोल गए। इस कहते हैं, रस्सी जल गई, बल नहीं गया। उन्होंने कहा, देश को आशा थी कि मोदी जी महत्वपूर्ण मुद्दों पर कुछ कहे। नीट व अन्य भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के बारे में युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाएंगे, पर उन्होंने अपनी सरकार की धांधली व भ्रष्टाचार के बारे में कोई ज़िम्मेदारी नहीं ली। हाल ही में हुई पश्चिम बंगाल की रेल दुर्घटना के बारे में भी मोदी जी मौन साधे रहे।
खरगे ने दावा किया, ‘‘मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा की चपेट में है, पर मोदी जी न वहां गए और ना ही उन्होंने आज के अपने भाषण में ताज़ा हिंसा के बारे में कोई चिंता जाहिर की है। असम व पूर्वोत्तर में बाढ़ हो, कमरतोड़ महँगाई हो, रुपये का गिरना हो, एग्जिट पोल-स्टॉक बाजार घोटाला हो- अगली जनगणना लंबे समय से मोदी सरकार ने लंबित रखी है, जातिगत जनगणना पर भी मोदी जी बिलकुल चुप थे। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी, आप विपक्ष को नसीहत दे रहे हैं। 50 साल पुराने आपातकाल की याद दिला रहे हैं, पिछले 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए जिसका जनता ने अंत कर दिया। खरगे का कहना था कि लोगों ने मोदी जी के खिलाफ जनमत दिया है, इसके बावजूद अगर वे प्रधानमंत्री बन गए हैं, तब उन्हें काम करना चाहिए।
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