खतरों के खिलाड़ी पीठ पर पेट्रोल टैंक लाद कर बुझाते है जंगल की आग

फारेस्ट फायर फाइटर्स को ब्लोअर मशीन से अनहोनी की आशंका

29

भोपाल। जंगल मे आग लगने के दौरान आग को आग से बढऩे से रोकने वाले वन कर्मी अपनी जान हथेली पर रख कर काम कर रहे है। उन्हें जो घास और पत्ते के लिए ब्लोअर मशीन दी गई । यह पेट्रोल से चलती है । आग बढऩे से रोकने के लिए इस मशीन को पीठ पर लाद कर काम करना पड़ता है। इस दौरान यदि जलता हुये घास पत्ते या पेड़ की एक चिंगारी भी पेट्रोल टैंक पर गिरती है तो किसी भी दिन अनहोनी घट सकती है।

इस साल 15 फरवरी से वन विभाग का फायर सीजन शुरू हो गया है। इस दौरान जानापाव के जंगलो से लेकर कई जंगली इलाको में आग लग चुकी है। आग बुझाने के दौरान आग को आगे बढऩे से रोकने के लिए फायर फारेस्ट फाइटर ,ब्लोअर मशीन से पैदा होने वाली हवा के माध्यम से अग्नि स्थल के आस पास मौजूद सुखी घास पत्ते समेट कर , लगीं हई आग की तरफ ढकेल देते है। इस वजह से आग का दायरा आगे नही बढ़ पाता।

यह ब्लोअर मशीन फायर फाइटर को अपनी पीठ पर लादना पड़ती है। इसी मशीन में पेट्रोल की टँकी भी लगी होती है इस वजह से हमेशा अनहोनी अथवा हादसे की आशंका बनी रहती है। इस मशीन के इस्तेमाल का वन कर्मी और अधिकारी विरोध कर रहे है मगर कोई भी खुल नही बोल पा रहा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.