CM मनोहर पर FIR दर्ज करने की मांग, शुभकरण के परिवार को 1 करोड़ रुपये-सरकारी नौकरी का एलान

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चंडीगढ़। जींद की खनौरी सीमा पर किसान शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में किसान आज काला दिवस मनाएंगे। गुरुवार को बॉर्डरों पर दिन भर शांति रही। सोमवार (26 मार्च) को देशभर के राजमार्गों पर ट्रैक्टर आक्रोश रैली निकालने और 14 मार्च को दिल्ली में किसान-मजदूर महापंचायत का एलान किया गया है।

सीएम और पुलिस अधिकारियों पर दर्ज हो एफआईआर

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा नेशनल कोर्डिनेशन कमेटी के सदस्य एवं ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के प्रदेश सचिव जयकरण मांडौठी ने कहा कि युवा किसान शुभकरण सिंह की हत्या के अपराध में मुख्यमंत्री हरियाणा और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। किसान सभा के दिलबाग सिंह दलाल ने कहा कि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच करवाई जाए। सतबीर सिंह कादियान, जगबीर सिंह सोलंकी तथा रमेश जाखड़ ने शहीद शुभ करण सिंह के परिवार को एक करोड रुपए मुआवजा देने की मांग की।

किसान नेताओं पर नहीं लगेगा रासुका

अंबाला रेंज के आईजीपी सिबाश कबिराज ने कहा है कि अंबाला के कुछ यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा। हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील करती है।

शुभकरण के परिवार को एक करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी.. दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

भड़काऊ व उकसाने वाले भाषण देने वाले किसान नेताओं को नजरबंद करने की कार्रवाई

प्रशासन के अनुसार शंभू बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान लगभग 30 पुलिस कर्मचारियों को चोटें आई व 1 पुलिस कर्मचारी का ब्रेन हैमरेज व 2 पुलिस कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। प्रशासन के अनुसार इस आंदोलन में कई किसान नेता सक्रिया भूमिका में है और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। उनके अनुसार लगातार सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम इत्यादि के माध्यम से भड़काऊ व उकसाने वाले भाषण देकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों, सरकार के खिलाफ गलत शब्दों को भरपुर प्रयोग किया जा रहा है। अपराधिक गतिविधियों को रोकने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 2 (3 ) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (एन0एस0ए0 एक्ट ) तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों को नजरबंद करने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा अमल में लाई जा रही है ताकि आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था को कायम रखा जा सके व सामाजिक सौहार्द बिगड़ने न पाए।

किसान नेता के घर नोटिस चस्पा, संपत्ति की जानकारी मांगी

भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान मजदूर मोर्चा के सदस्य अमरजीत सिंह मोहड़ी के घर पर पुलिस का नोटिस चस्पा किया गया है। इस नोटिस को किसानों द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। यह नोटिस एसपी अंबाला की तरफ से जारी किया गया है और इसमें लिखा है कि अमरजीत सिंह मोहड़ी आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इस नोटिस में कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है ऐसे में प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लिहाजा बिना अनुमति के आंदोलन में शामिल होने पर अमरजीत सिंह मोहड़ी की संपत्ति से भी भरपाई हो सकती है। इसमें मोहड़ी की संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी मांगी है।

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