Kolkata Case: कोलकाता मामले में पुलिस की लापरवाही पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, डॉक्टर्स से काम पर लौटने को कहा

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नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि जूनियर डॉक्टर की हत्या मामले काे अप्राकृतिक मौत के तौर पर दर्ज करने में पुलिस ने काफी देर की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस कार्रवाई को लेकर कई सवाल पूछे। वहीं कोर्ट ने घटना के विरोध में प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने मामले में पुलिस कार्रवाई को लेकर सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि यह बेहद हैरानी भरा है कि मृतका का पोस्टमार्टम नौ अगस्त को शाम 6:10 बजे से 7:10 बजे के बीच हुआ। इसके बाद रात 11:30 बजे अप्राकृतिक मौत का पंजीकरण किया गया। जबकि नियमत: पोस्टमार्टम अप्राकृतिक मौत के पंजीकरण से पहले होता है। कोर्ट ने पूछा कि ऐसा कैसे हो सकता है? यह बेहद परेशान करने वाला तथ्य है। कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज करने वाले कोलकाता पुलिस अधिकारी को अगली सुनवाई में उपस्थित होने निर्देश देते हुए मामला दर्ज करने के समय की जानकारी देने को कहा।
सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि जूनियर डॉक्टर का अंतिम संस्कार होने के बाद रात 11:45 बजे एफआईआर दर्ज की गई। राज्य पुलिस ने मृतका के परिजनों को आत्महत्या की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने इसे हत्या कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता की एक मित्र को घटना को छिपाने का संदेह हुआ तो उसने वीडियोग्राफी कराने की मांग की।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने को कहा। कोर्ट ने उन्हें काम पर वापस लौटने पर कोई कार्रवाई न होने का आश्वासन भी दिया।  एम्स नागपुर के डॉक्टरों के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि कोलकाता मामले का विरोध करने पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब एक बार डॉक्टर ड्यूटी पर वापस आ जाएंगे तो हम अधिकारियों से उन पर कार्रवाई करने के लिए कहेंगे। लेकिन डॉक्टर काम नहीं करेंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ जाएगी। हम सभी मरीजों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। कोर्ट ने आश्वासन दिया कि नेशनल टास्कफोर्स सभी डॉक्टरों की बात सुनेगा।
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