Kolkata Doctor Case: SC ने किया टास्क फोर्स के गठन का एलान; मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल-पुलिस जांच पर उठाए सवाल
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ये सिर्फ एक मर्डर का मामला नहीं है। हमें डॉक्टरों की सुरक्षा की चिंता है। बेंच ने कहा कि महिलाएं सुरक्षा से वंचित हो रही हैं। बेंच ने कहा कि आखिर ऐसे हालात में डॉक्टर कैसे काम करेंगे। हमने देखा है कि उनके लिए कई जगहों पर रेस्ट रूम तक नहीं होते। आज महिलाएं तेजी से वर्कप्लेस में शामिल हो रही हैं। इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और बदलाव लाने के लिए एक और बलात्कार का इंतजार नहीं कर सकते। चिकित्सा पेशे में हिंसा की आशंका बढ़ गई है। पुरुष प्रधान सोच के कारण महिला डॉक्टरों को ज्यादा निशाना बनाया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं। ज्यादातर युवा चिकित्सक 36 घंटे काम करते हैं, हमें काम करने की सुरक्षित स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सभी स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा से संबंधित मामले पर विचार कर रहा है, इसलिए हम देशभर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से अनुरोध करते हैं कि वे काम पर लौट आएं, क्योंकि इससे मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मिलने में दिक्कत आ रही है।