कुवैत अग्निकांड: मृतकों के शव लेकर कोच्चि एयरपोर्ट पर उतरा सुपर हरक्युलिस, आग ने ले ली थी 45 भारतीयों की जान

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नई दिल्ली। कुवैत में दो दिन पहले हुए अग्निकांड में मारे गए भारतीयों के पार्थिव शरीर लेकर आया भारतीय वायु सेना का विमान शुक्रवार सुबह कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। दूतावास ने बताया कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी उसी विमान से वापस आए। वायु सेना के सी-130जे परिवहन विमान से 31 भारतीयों के पार्थिव शरीर को यहां उतारा गया। यहां से शवों को उनके गृह नगर तक पहुंचाया जाएगा। घटना में मारे गए मारे गए 31 लोगों में से केरल के 23, तमिलनाडु के सात और कर्नाटक का एक व्यक्ति शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में सात मंजिला इमारत के रसोईघर में भीषण आग लगने से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हुई थी और 50 अन्य घायल हुए थे। इनमें से 45 भारतीय थे और शेष पाकिस्तान, फिलिपीन, मिस्र और नेपाल के नागरिक थे। इमारत में 195 प्रवासी मजदूर रहते थे।
मृतकों के शवों को लेकर आया सुपर हरक्युलिस
इससे पहले वायुसेना का सुपर हरक्युलिस विमान कुवैत से 45 शवों को लेकर रवाना हुआ था। पहले यह विमान केरल के कोच्चि में उतरा, क्योंकि ज्यादातर मृतक वहीं के थे। इसके बाद विमान दिल्ली आएगा। यहां से शव संबंधित राज्यों में भेजे जाएंगे।

अब तक 48 शवों की हुई पहचान
यूपी के मृतकों की पहचान वाराणसी के माधव सिंह, गोरखपुर के जयराम गुप्ता और अंगद गुप्ता के रूप में हुई है। वहीं, आंध्र प्रदेश के मृतकों में श्रीकाकुलम जिले के टी लोकानंदम, पश्चिम गोदावरी जिले के एम सत्यनारायण और एम ईश्वरुडु की पहचान की गई है। अरब टाइम्स ने कुवैत के प्रथम उप प्रधानमंत्री शेख फहद अल-यूसूफ अल-यूसुफ के हवाले से बताया कि अधिकारियों ने अब तक 48 शवों की पहचान की है। कुवैत के दक्षिणी शहर मंगाफ में सात मंजिला इमारत में हुए हादसे में 49 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 50 से अधिक घायल हुए हैं।

 केरल सरकार ने किया मदद का एलान
केरल सरकार ने परिजनों को 5-5 लाख रुपये की मदद की घोषणा की है। इस बीच, भारत के विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत पहुंच गए हैं। वहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की है। सिंह स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर शवों को भारत लाने के प्रयास में जुटे हैं। वहीं, कुवैत प्रशासन ने शवों की पहचान स्थापित करने के बाद वादा किया कि वह हादसे की त्वरित जांच करेगा और शवों को वापस भेजने में पूरी मदद करेगा। पता चला है कि इमारत में 196 श्रमिक रखे गए थे। एक दिन पहले यह संख्या 160 बताई गई थी।

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