फरार आरोपी ललित झा की राजस्थान में मिली आखिरी लोकेशन, अन्य से पूछताछ जारी

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दिल्ली। संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले का फरार आरोपी ललित झा को आखिरी बार राजस्थान के निमराना में ट्रेस किया गया है। पुलिस सुत्रों के अनुसार इस मामले में अबतक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो आरोपियों विकी और उसकी पत्नी से पूछताछ जारी है।

सूत्रों ने बताया कि आरोपियों का अभी तक किसी भी संगठन से जुड़े होने की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन ने संसद भवन में जाने के लिए पास का इंतजाम किया था। पुलिस ने बताया कि ये सभी आरोपी सोशल मीडिया ग्रुप भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े हुए थे।

डेढ़ साल पहले मैसूरु में मिले थे सभी आरोपी
पुलिस सूत्र के अनुसार, सभी आरोपी डेढ़ साल पहले मैसूरु में मिले थे। सागर लखनऊ से जुलाई में दिल्ली आया था, लेकिन संसद भवन में प्रवेश नहीं कर सका था। वहीं 10 दिसंबर को बाकी के आरोपी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे। इंडिया गेट के पास वे इकट्ठा हुए जहां रंगीन पटाखे बांटे गए। पुलिस ने बताया कि गुप्त तरीके से आपत्तिजनक वस्तुओं को संसदभवन के अंदर ले जाया गया।

एनजीओ के संस्थापक निलाक्षा आइच ने बताया कि उन्हें फरार आरोपी ललित झा ने संसद सुरक्षा उल्लंघन का एक वीडियो भेजा था। उन्होंने कहा कि आरोपी ने कभी भी अपने ठिकानों के बारे में उन्हें नहीं बताया था। एनजीओ पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में आदिवासियों को शिक्षा देने में मदद करती है।

आरोपी ललित झा इस एनजीओ का महासचिव था। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 453, 153, 186, 353 और यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

क्या था मामला
यह घटना बुधवार दोपहर एक बजकर एक मिनट पर हुई। लोकसभा में पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल शून्य काल की कार्यवाही को संचालित कर रहे थे। मालदा उत्तर से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। तभी दो शख्स दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए।

नीले रंग की जैकेट पहना एक शख्स सांसदों की सीट पर कूदने लगा। वह लगभग तीन कतार लांघकर आसन की तरफ जाने लगा। अफरा-तफरी के माहौल के बीच कुछ सांसदों ने हिम्मत दिखाकर उसे घेर लिया। मार्शल भी दौड़कर आ गए। तभी उस युवक ने जूते के अंदर से कुछ पदार्थ निकाला। इसके बाद वहां पीले रंग का धुआं उठने लगा। बाद में सांसदों और मार्शलों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही स्थगित कर दी।

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