भोपाल।प्रदेश के पालपुर कूनो अभयारण्य में बड़े बाड़ों में बंद चीतों को खुले में तभी छोड़ा जायेगा जबकि उनके लिये खुले जंगल में आहर के लिये हिरणों की पर्याप्त संख्या होगी। यह जानकारी सोमवार को वन्यप्राणी शाखा के पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव ने अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया के साथ हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में दी। बैठक में वन बल प्रमुख रमेश गुप्ता एवं एपीसीसीएफ विकास यूके सुबुध्दि भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से कूनो में चीते बड़े बाड़ों में बंद हैं क्योंकि पहले जब उन्हें खुले जंगल में छोड़ा गया था उनकी मृत्यु तेजी से हो रही थी। बड़े बाड़ों में उन्हें बंद किये जाने से उनकी मृत्यु शून्य हो गई है।
गांधी सागर अभयारण्य में पूर्ण नहीं हुई तैयारी :
चीतों को मंदसौर जिले के गांधी सागर अभायारण्य में भी बसाय जाना है तथा इसके लिये वहां चारों ओर फेंसिंग की जा रही है जो कि नवम्बर माह के अंत तक पूर्ण होनी थी लेकिन अभी यह कार्य पूर्णतया सम्पन्न नहं हो पाया है तथा दिसम्बर अंत तक यह कार्य पूर्ण करने का समय दिया गया है। दरअसल चीता एक्शन प्लान के अनुसार गांधीसागर अभयारण्य मे चीतों की पुनस्र्थापना हेतु 40 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को तैयार किये जाने के लिये फेन्सिंग, रहवास क्षेत्र विकास प्रशिक्षण आदि कार्य प्रस्तावित किये गये हैं जिन्हें अब दिसम्बर अंत तक पूर्ण करना है।