मंदिर के सामने से हटेंगे शराब काउंटर, कालभैरव के भोग के लिए अब इस तरह रहेगी व्यवस्था

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उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन समेत मध्यप्रदेश के 17 धार्मिक स्थलों पर आज यानी सोमवार रात 12 बजे से शराब मिलना बंद हो जाएगी। नई आबकारी नीति के तहत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 17 शहरों में शराबबंदी का निर्णय लिया है। जिसको देखते हुए इन निर्देशों का पालन एक अप्रैल से करवाया जाएगा, लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन में इस निर्देश से भगवान काल भैरव को लगाने वाले भोग को लेकर काफी समय से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। जिस पर आज कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि काल भैरव मंदिर के सामने लगे शराब के काउंटर नगर निगम की परिसीमा में आते हैं, इसीलिए इन्हें हटाया जाएगा। रही काल भैरव के पूजन और भोग परंपरा की तो इसकी जिम्मेदारी मंदिर प्रबंध समिति की रहेगी। भगवान को लगाए जाने वाले मदिरा के भोग की व्यवस्था हमेशा की तरह मंदिर समिति करेगी। 24 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 17 धार्मिक नगरों में शराब बंदी का फैसला लिया था। जिसके तहत नगर निगम उज्जैन के अलावा नगर पालिका मेहर, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, नगर पंचायत ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक, महेश्वर, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर शामिल है। ग्राम पंचायत में सलकनपुर, बांदकपुर, कुंडलपुर, बरमान कला, लिंगा व बरमान खुर्द में एक अप्रैल 2025 से शराबबंदी लागू की जाएगी। इन सभी धार्मिक नगरों में शराबबंदी किए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई हैं। धार्मिक नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल के सेनापति काल भैरव को चढ़ाए जाने वाले मदिरा के भोग को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। वर्तमान में मंदिर के सामने बनी दो दुकानों से भगवान काल भैरव को चढ़ाए जाने वाली मदिरा श्रद्धालुओं को आसानी से उपलब्ध करवा दी जाती थी, लेकिन एक अप्रैल को शराब बंदी के बाद इन शराब काउंटर पर अब शराब नहीं मिलेगी। आज इन दोनों ही शराब काउंटर को यहां से हटाया जाएगा।

इसीलिए बन रही थी असमंजस की स्थिति
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कालभैरव मंदिर की परंपराओं को देखते हुए शासन को एक पत्र भेजा था, जिसमें मंदिर के सामने के दो शराब काउंटर को यथावत रखने की बात कही गई थी, लेकिन अब कलेक्टर का कहना है कि क्योंकि यह शराब काउंटर नगर निगम की परिसीमा में आते हैं, इसलिए इन्हें यहां से हटाया जाएगा।

श्रद्धालु कैसे लगा पाएंगे कालभैरव को मदिरा का भोग
धार्मिक नगरी उज्जैन में कल से नगर निगम की परीसीमा में लागू की जा रही शराबबंदी को लेकर जब एसपी प्रदीप शर्मा से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि काल भैरव मंदिर के सामने के शराब काउंटर आज हटाए जाएंगे। मंदिर भोग पहले की तरह ही लगता रहेगा। इसके लिए मंदिर समिति के पास स्टाक रहेगा। हां बाहर से आने वाले श्रद्धालु भगवान काल भैरव को किस प्रकार से मदिरा का भोग लगा पाएंगे इसको लेकर जल्द ही योजना बनाई जाएगी।

कालभैरव को प्रतिदिन लगता है मदिरा का भोग
उज्जैन के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में मदिरा का भोग लगाने की परंपरा वर्षों से जारी है। मंदिर के पुजारी पंडित ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया की ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब शराबबंदी की जा रही हो। वर्ष 2016 में सिहस्थ महाकुंभ के दौरान भी कालभैरव क्षेत्र में शराबबंदी की गई थी, लेकिन मंदिर में वर्षों से चली आ रही है परंपरा लगातार जारी रहे इसके लिए शासन ने ही उस समय भगवान काल भैरव को भोग के रूप में चढ़ाए जाने वाली शराब का इंतजाम किया था।

गजट नोटिफिकेशन में नहीं था कालभैरव मंदिर का जिक्र 
एक अप्रैल से लागू की जाने वाली शराबबंदी को लेकर जारी हुए गजट नोटिफिकेशन की बात की जाए तो पता चलेगा कि इसमें मंदसौर, मुलताई, ओंकारेश्वर, ओरछा, मंडलेश्वर, मेहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना के साथ ही कल 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी करने की बात कही गई है। साथ ही उन दुकानों के बारे में भी बताया गया जिन्हें बंद किया जाना है लेकिन इस गजट नोटिफिकेशन में काल भैरव मंदिर के सामने की शराब दुकानों का कोई जिक्र नहीं किया गया था।

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