Lucknow : मोदी के शपथ ग्रहण बाद यूपी मंत्रिमंडल और संगठन में फेरबदल तय, चुनावी प्रदर्शन होगा पैमाना

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लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन गिरने के बाद अब प्रदेश मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव तय माने जा रहे हैं। इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में बदलाव होंगे। इसके बाद प्रदेश में बदलाव किए जाएंगे।
लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चुनाव मैदान में उतरी भाजपा को उम्मीद के विपरीत मात्र 36 (भाजपा 33, रालोद 2 व अपना दल एक) सीटें ही मिल सकी हैं। यानी पिछले चुनाव की तुलना में पार्टी को इस बार 30 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। कहा जा रहा है कि संगठन ने जमीनी स्तर पर उस तरह से काम नहीं किया, जिस तरह की जरूरत थी। इसे लेकर प्रदेश संगठन में फेरबदल को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है, इसलिए पहले राष्ट्रीय संगठन में अध्यक्ष समेत अन्य पदों पर भी चेहरे बदलने की तैयारी है। इसके बाद यूपी में बदलाव की बात कही जा रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में खासकर उन जिलों पर अधिक फोकस किया जाएगा, जहां पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है और हार का भी सामना करना पड़ा है। संभावित बदलाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने वाले क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिला और महानगर अध्यक्षों तक पर गाज गिर सकती है। चुनाव में भाजपा ने प्रदेश के चार मंत्रियों को मैदान में उतारा था। इसमें दो ने जीत दर्ज की है। ऐसे में उनके स्थान पर मंत्रिमंडल में दो नए सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही बेहतर परिणाम दिलाने में पीछे रहे कई मंत्रियों को हटाकर नए लोगों को मौका दिया जा सकता है।

हार के कारणों की होगी समीक्षा
सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भाजपा सबसे पहले ग्राफ गिरने के कारणों की समीक्षा करेगी। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही उन प्रदेशों के संगठन की भी समीक्षा करेगी, जिन प्रदेशों में भाजपा का ग्राफ गिरा है। इस लिहाज से हाईकमान की सबसे कड़ी निगाह यूपी के प्रदेश संगठन पर है। सूत्रों का कहना है कि अगले महीने की 15 तारीख से पहले संगठन में बदलाव करने की तैयारी है।

कम हो सकती है केंद्र में यूपी की हिस्सेदारी
यूपी में सीटें घटने के बाद अब केंद्र में बनने वाली एनडीए-3 की सरकार में यूपी की हिस्सेदारी भी घटने के कयास लगाए जा रहे हैं। मौजूदा सरकार में पीएम नरेन्द्र मोदी और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल समेत यूपी से कुल 14 मंत्री हैं। इनमें से एक मंत्री राज्यसभा से हैं, जबकि 13 मंत्री लोकसभा चुनाव लड़कर जीते हैं।   लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन गिरने के बाद अब प्रदेश मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव तय माने जा रहे हैं। इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में बदलाव होंगे। इसके बाद प्रदेश में बदलाव किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चुनाव मैदान में उतरी भाजपा को उम्मीद के विपरीत मात्र 36 (भाजपा 33, रालोद 2 व अपना दल एक) सीटें ही मिल सकी हैं। यानी पिछले चुनाव की तुलना में पार्टी को इस बार 30 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। कहा जा रहा है कि संगठन ने जमीनी स्तर पर उस तरह से काम नहीं किया, जिस तरह की जरूरत थी। इसे लेकर प्रदेश संगठन में फेरबदल को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है, इसलिए पहले राष्ट्रीय संगठन में अध्यक्ष समेत अन्य पदों पर भी चेहरे बदलने की तैयारी है। इसके बाद यूपी में बदलाव की बात कही जा रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में खासकर उन जिलों पर अधिक फोकस किया जाएगा, जहां पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है और हार का भी सामना करना पड़ा है। संभावित बदलाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाने वाले क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिला और महानगर अध्यक्षों तक पर गाज गिर सकती है। चुनाव में भाजपा ने प्रदेश के चार मंत्रियों को मैदान में उतारा था। इसमें दो ने जीत दर्ज की है। ऐसे में उनके स्थान पर मंत्रिमंडल में दो नए सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही बेहतर परिणाम दिलाने में पीछे रहे कई मंत्रियों को हटाकर नए लोगों को मौका दिया जा सकता है।

हार के कारणों की होगी समीक्षा
सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भाजपा सबसे पहले ग्राफ गिरने के कारणों की समीक्षा करेगी। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही उन प्रदेशों के संगठन की भी समीक्षा करेगी, जिन प्रदेशों में भाजपा का ग्राफ गिरा है। इस लिहाज से हाईकमान की सबसे कड़ी निगाह यूपी के प्रदेश संगठन पर है। सूत्रों का कहना है कि अगले महीने की 15 तारीख से पहले संगठन में बदलाव करने की तैयारी है।

कम हो सकती है केंद्र में यूपी की हिस्सेदारी
यूपी में सीटें घटने के बाद अब केंद्र में बनने वाली एनडीए-3 की सरकार में यूपी की हिस्सेदारी भी घटने के कयास लगाए जा रहे हैं। मौजूदा सरकार में पीएम नरेन्द्र मोदी और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल समेत यूपी से कुल 14 मंत्री हैं। इनमें से एक मंत्री राज्यसभा से हैं, जबकि 13 मंत्री लोकसभा चुनाव लड़कर जीते हैं।

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