उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अभिषेक शर्मा बाला गुरु ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी रविवार पर आज बाबा महाकाल रात 3 बजे जागे। जिसके बाद भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भांग और मावे के साथ आभूषण पहनाकर श्रृंगार किया गया।
भांग और ड्रायफ्रूट से किए गए भगवान के इस अलौकिक श्रृंगार को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया। आज भगवान का राजसी स्वरूप मे श्रृंगार कर उन्हे नवीन मुकुट से श्रंगारित किया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।