रथ पर बैठे-बैठे अचानक अचेत हुए महंत अजय, सीपीआर से मिला नया जीवन, दो और की बची जिंदगी

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प्रयागराज। अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट हो जाए तो तत्काल कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) से उसकी जान बचाई जा सकती है। इसका ताजा उदाहरण मेला क्षेत्र में सामने आया है। यहां तीन लोगों को समय रहते सीपीआर देकर जीवनदान दिया गया है। इसमें आह्वान अखाड़े के महंत अजय गिरि, महंत ननकू गिरि व एक अन्य महिला शामिल है। मकर संक्रांति के पर्व पर अमृत स्नान के लिए निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान आह्वान अखाड़े के महंत अजय गिरि रथ पर बैठे-बैठे अचानक अचेत हो गए।
उनका शुगर लेवल बहुत कम था। इसके अलावा ऑक्सीजन लेवल भी 43 हो गया था। ऐसे में डॉ. आशुतोष यादव और उनकी टीम ने तुरंत सीपीआर देकर महिला की जान बचाई।
तीसरा मामला मेला के सेक्टर दो स्थित केंद्रीय चिकित्सालय का है, जहां शुक्रवार को महंत ननकू गिरि (35) को आईसीयू वार्ड की देखभाल कर रहे डॉ. सिद्धार्थ पांडेय ने सीपीआर देकर जान बचाई। जब उन्हें अस्पताल लाया गया, तो उनकी पल्स और हार्ट बीट का कुछ पता नहीं चल रहा था। इसके बाद उन्हें करीब 12 मिनट तक सीपीआर देकर जान बचाई गई।
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