Maharashtra: अटल सेतु में आई दरारें, नाना पटोले ने लिया जायजा, कहा- अटल जी के नाम पर भ्रष्टाचार कर रही भाजपा

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मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई-ट्रांस हार्बर लिंक  अटल सेतु पर आई दरारों का निरीक्षण किया। और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे राज्य में भ्रष्टाचार का खेल जारी है। हम भ्रष्टाचार के बहुत से उदाहरण आगामी विधानसभा में पेश करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि भारत की जनता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का सम्मान करती है। लेकिन भाजपा उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार करने से नहीं हिचकिचाती है। नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र अमित शाह और नरेंद्र मोदी का एटीएम बन गया है, इसलिए वो महाराष्ट्र की झूठी तारीफ करते हैं।
महायुति और केंद्र सरकार पर बरसे नाना पटोले
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भाजपा-शिवसेना-एनसीपी की सरकार पर जमकर निशाना साधा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नाना पटोले ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को लूट रही है, जो बीज और खाद की कालाबाजारी की इजाजत दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी, खराब कानून व्यवस्था और नीट की अनियमितताओं के खिलाफ पूरे राज्य में दिन में ‘कीचड़ फेंको’ आंदोलन शुरू करके आवाज उठाई है।

‘राज्य की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार व्याप्त’

वहीं नाना पटोले ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार व्याप्त है। डीबीटी योजना के जरिए किसानों को कीटनाशक, स्प्रे पंप, खाद और दवाइयां दी जाती हैं। लेकिन स्प्रे पंप की कीमत 2700 रुपये से बढ़ाकर 4500 रुपये कर दी गई है और कई वस्तुओं को बढ़ी हुई दरों पर खरीदा गया है, जिसमें भ्रष्टाचार हो रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि जब कृषि आयुक्त ने कहा कि अगर योजना में बदलाव करना है तो कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत होगी, तो कृषि आयुक्त का तबादला कर दिया गया। इस योजना से 11 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा होता, लेकिन भाजपा सरकार ने किसानों की मदद के लिए कुछ नहीं किया।
‘किसानों का मजाक उड़ा रही केंद्र सरकार’

उन्होंने कहा कि महंगाई को लेकर कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से कुछ फसलों के एमएसपी में की गई बढ़ोत्तरी मामूली है। लेकिन डीजल, खाद, बीज और कृषि उपकरणों की कीमतों में बढ़ोत्तरी के कारण किसान के हाथ खाली हैं। नाना पटोले ने आगे कहा कि भयंकर सूखा पड़ा है और बाग-बगीचे नष्ट हो गए हैं, लेकिन सरकार इसे सूखा जैसी स्थिति बताकर किसानों का मजाक उड़ा रही है।

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