पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना मालदीव के मंत्रियों को पड़ा भारी; मरियम शिउना समेत तीन निलंबित

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माले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना मालदीव के मंत्रियों को भारी पड़ गया है। मालदीव सरकार ने अपनी मंत्री मरियम शिउना को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा दो अन्य मालशा और हसन जिहान पर भी कार्रवाई की गई है। जानकारी के मुताबिक, विवादित बयान देने वाले दोनों मंत्री और एक सांसद को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।

पहले जानते हैं कैसे शुरू हुआ मामला 
दरअसल, बात शुरू हुई चार जनवरी से। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने समुद्र किनारे टहलते और समय बिताते कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। उन्होंने लोगों से लक्षद्वीप घूमने जाने के लिए भी कहा। इसके बाद सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप ट्रेंड करने लगा। मामला इतना बढ़ा कि लोग मालदीव को छोड़कर लक्षद्वीप जाने की बात करने लगे। देखते ही देखते सोशल मीडिया बायकॉट मालदीव से भर गया। इस पर मालदीव की एक मंत्री ने कहा कि भारत के तट मालदीव के समुद्री तटों के सामने कुछ नहीं हैं। इसके बाद से ही बड़ी से बड़ी सेलिब्रिटी  से लेकर आम आदमी तक सभी लक्षद्वीप के समर्थन में आगे आ रहे हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
पीएम मोदी की पोस्ट के बाद मालदीव के कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स ने भारत को निशाना बनाना शुरु किया। पीएम मोदी पर भी जमकर निशाने पर आए। मालदीव की युवा अधिकार, सूचना और कला उप-मंत्री मरियम शिउना ने मर्यादा ही लांघ दी और अभद्र टिप्पणी कर डाली। मालदीव की सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स  ही एक और सांसद ने कहा कि मालदीव का सूर्यास्त आपको लक्षद्वीप में नहीं दिखेगा। इसीलिए मालदीव की यात्रा करें।

भारत ने जताई थी नाराजगी
पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भारत ने नाराजगी जताई थी और मामले को मोहम्मद मुइज्जू सरकार के सामने उठाया था। माले में भारतीय उच्चायुक्त ने टिप्प्णी पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद मालदीव सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है।

बाद में सफाई देनी पड़ी
मामला बिगड़ता देख और भारत के सख्त रुख के बीच मालदीव सरकार ने सफाई दी। उन्होंने अपने मंत्री की टिप्पणी से किनारा कर लिया। कहा गया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है। मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती। आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी। बाद में सरकार ने दोनों मंत्री और एक सांसद को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया।

बीते दिनों संबंधों में आई है खटास
हाल के महीनों में नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध कुछ ठीक नहीं चल रहे। मुइज्जू को चीन का करीबी माना जाता है। उन्होंने विदेश नीति में बदलाव के भी संकेत दिए हैं। वे मालदीव से भारत की सेना को वापस हटाने की बात कह चुके हैं। वह चीन के दौरे पर भी हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के न्योते पर वह चीन की यात्रा कर रहे हैं।

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने भी लताड़ा
इस मामले में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भी मंत्रियों और सांसद की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के मंत्रियों की भारत के खिलाफ इस्तेमाल की जा रही घृणास्पद भाषा की निंदा करता हूं। भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की कठोर टिप्पणियों को हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

पूर्व उपराष्ट्रपति बोले- ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं
मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने भी भारत का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है, जो नहीं होनी चाहिए थी। जब आप एक निर्वाचित पद पर होते हैं, तो आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना होता है। अधिक जिम्मेदार होना होता है। वैश्विक नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति ये अपमानजनक टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं हैं। हम अपने पर्यटन को सहिष्णुता, सद्भाव, मित्रता और आतिथ्य के आधार पर बनाते हैं। यह किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है।

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