जेल जाने के डर से नहीं हो पा रहे सामूहिक विवाह, 6,802 बेटियों की शादी अटकी

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बलिया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। जिसके चलते सैकड़ों युवक युवती लाभ लेने वंचित हो रहे हैं। वजह ये है कि पिछली बार बलिया में इसी योजना के तहत हुए फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। मामले की जांच किए जाने के बाद 17 लोगों को जेल जाना पड़ा था। ऐसी कोई स्थिति न बने इसके लिए कर्मचारी फूंक फूंककर कदम उठा रहे हैं। एक एक दस्तावेज देख रहे हैं और संदह होने पर उससे जुड़ी जानकारी मांग रहे हैं। इस प्रक्रिया में काफी समय लग रहा है। भीड़ ज्यादा है और कर्मचारियों की संख्या कम है। परिणाम है ये है कि पूर्वांचल में 6802 बेटियों के हाथ पीले नहीं हो पा रहे हैं। लक्ष्य के सापेक्ष महज 50 प्रतिशत ही लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल सका है। बलिया सहित पूर्वांचल के 10 जिलों में शासन की ओर से 14,804 जोड़ों की शादी लक्ष्य मौजूदा वित्तीय वर्ष में दिया गया था। लेकिन अब तक महज 8,002 जोड़ों की ही शादी हो सकी है। फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आने के बाद बलिया में अब तक 300 से अधिक अपात्र मिल चुके हैं। गड़बड़ी की चल रही जांच की आंच अब बेल्थरारोड में 17 जनवरी को हुए समारोह तक पहुंच चुकी है। बताया जा रहा है कि सीयर ब्लाक में 183 जोड़ों का विवाह हुआ था। गुपचुप जांच में अब तक 80 अपात्रों से उपहार के सामान वापस कराए जा चुके हैं।

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